ममता राज में कानूनविहीन हुआ बंगाल, लोकतांत्रिक अधिकारों का हो रहा दमन: भाजपा
punjabkesari.in Wednesday, Sep 14, 2022 - 06:18 PM (IST)
नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार के कार्यकाल में पश्चिम बंगाल ‘‘कानूनविहीन’’ और ‘‘दिवालिया’’ प्रदेश हो गया है।
पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक विरोध मार्च के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ हुई झड़प के एक दिन बाद भाजपा ने यह आरोप भी लगाया कि तृणमूल कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई से ध्यान भटकाने की कोशिश के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया।
मुख्यमंत्री बनर्जी पर हमला करते हुए भाजपा ने दावा किया कि राज्य में पुलिस अत्याचार कर रही है और विरोधियों की आवाज दबाई जा रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ममता बनर्जी राज्य के बाहर जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देती हैं और बंगाल में वह लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने और नागरिक अधिकारों का हनन करने की सारी सीमाएं लांघ रही हैं।
उन्होंने आशंका जताई कि प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ किया गया बल प्रयोग तृणमूल कांग्रेस की अंदरूनी दुश्मनी का परिणाम हो सकता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजनीतिक उभार में पूर्ववर्ती वामपंथी सरकार के खिलाफ उनके जमीनी और लंबे संघर्ष की पृष्ठभूमि को रेखांकित करते हुए प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री का बर्ताव इसके ठीक ‘‘विपरीत’’ है।
मुख्यमंत्री बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच मतभेदों को लेकर मीडिया में छपी खबरों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या तृणमूल कांग्रेस में उत्तराधिकार की लड़ाई चल रही है?
भाजपा नेता ने दावा किया कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार और निर्दयता के मामले में ममता बनर्जी ने वामपंथी दलों को भी पीछे छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी की अगुवाई में पश्चिम बंगाल कानूनविहीन दिवालिया प्रदेश बन गया है।’’
प्रसाद ने आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि बनर्जी को इंदिरा गांधी से सबक लेना चाहिए और यह समझना चाहिए कि आपातकाल के बाद हुए चुनाव में उनका क्या हश्र हुआ था।
प्रदर्शन के दौरान मंगलवार को कोलकाता और हावड़ा जिले के कई हिस्सों में पुलिस और प्रदर्शनकारी आपस में भिड़ गए और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार की गई।
भाजपा ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार विपक्षी दलों को जगह नहीं देना चाहती, वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भाजपा कार्यकर्ताओं को ‘‘गुंडा’’ करार दिया।
झड़प में कई पुलिस अधिकारियों और भाजपा नेता मीना देवी पुरोहित तथा स्वप्न दासगुप्ता समेत पार्टी के कई सदस्य घायल हो गए थे। भाजपा की बंगाल इकाई ने दावा किया है कि उसके 1,000 कार्यकर्ता जख्मी हुए हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक विरोध मार्च के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ हुई झड़प के एक दिन बाद भाजपा ने यह आरोप भी लगाया कि तृणमूल कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई से ध्यान भटकाने की कोशिश के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया।
मुख्यमंत्री बनर्जी पर हमला करते हुए भाजपा ने दावा किया कि राज्य में पुलिस अत्याचार कर रही है और विरोधियों की आवाज दबाई जा रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ममता बनर्जी राज्य के बाहर जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देती हैं और बंगाल में वह लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने और नागरिक अधिकारों का हनन करने की सारी सीमाएं लांघ रही हैं।
उन्होंने आशंका जताई कि प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ किया गया बल प्रयोग तृणमूल कांग्रेस की अंदरूनी दुश्मनी का परिणाम हो सकता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजनीतिक उभार में पूर्ववर्ती वामपंथी सरकार के खिलाफ उनके जमीनी और लंबे संघर्ष की पृष्ठभूमि को रेखांकित करते हुए प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री का बर्ताव इसके ठीक ‘‘विपरीत’’ है।
मुख्यमंत्री बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच मतभेदों को लेकर मीडिया में छपी खबरों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या तृणमूल कांग्रेस में उत्तराधिकार की लड़ाई चल रही है?
भाजपा नेता ने दावा किया कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार और निर्दयता के मामले में ममता बनर्जी ने वामपंथी दलों को भी पीछे छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी की अगुवाई में पश्चिम बंगाल कानूनविहीन दिवालिया प्रदेश बन गया है।’’
प्रसाद ने आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि बनर्जी को इंदिरा गांधी से सबक लेना चाहिए और यह समझना चाहिए कि आपातकाल के बाद हुए चुनाव में उनका क्या हश्र हुआ था।
प्रदर्शन के दौरान मंगलवार को कोलकाता और हावड़ा जिले के कई हिस्सों में पुलिस और प्रदर्शनकारी आपस में भिड़ गए और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार की गई।
भाजपा ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार विपक्षी दलों को जगह नहीं देना चाहती, वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भाजपा कार्यकर्ताओं को ‘‘गुंडा’’ करार दिया।
झड़प में कई पुलिस अधिकारियों और भाजपा नेता मीना देवी पुरोहित तथा स्वप्न दासगुप्ता समेत पार्टी के कई सदस्य घायल हो गए थे। भाजपा की बंगाल इकाई ने दावा किया है कि उसके 1,000 कार्यकर्ता जख्मी हुए हैं।
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