एनएचआरसी के हस्तक्षेप से चिकित्सकीय लापरवाही के मामले में डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई हुई सुनिश्चित

punjabkesari.in Thursday, Aug 18, 2022 - 02:24 PM (IST)

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) ‘‘चिकित्सकीय लापरवाही’’ के कारण एक गर्भवती महिला की मृत्यु के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के हस्तक्षेप के चलते पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पीड़िता के परिजन को 3.75 लाख रुपये की आर्थिक मदद सुनिश्चित हो सकी।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि राज्य के चिकित्सा आयोग को लापरवाही करने वाले डॉक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को भी कहा गया है। यह घटना आठ फरवरी, 2020 को मुर्शिदाबाद के लालबाग अनुमंडलीय अस्पताल में हुई थी।

आयोग ने डॉक्टर की इस लापरवाही के लिए राज्य को ‘‘गंभीर रुप से जिम्मेदार’’ माना है और पीड़िता के परिजन को आर्थिक राहत देने की सिफारिश की है।

आयोग ने इस मामले से जुड़ी एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था।

आयोग ने कहा कि उसकी ओर से भेजे गए नोटिस के जवाब में राज्य सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग ने बताया था कि एक जांच समिति ने मृत्यु प्रमाण पत्र के अनुसार मौत की वजह ‘‘दिल का दौरा पड़ना’’ बताया है।

जांच के दौरान यह पाया गया कि जिस डॉक्टर की वहां ड्यूटी थी, वह अस्पताल में नहीं था और वह फोन के माध्यम से नर्सों को निर्देश दे रहा था। आयोग के मुताबिक, पांच घंटे की देरी के बाद डॉक्टर मरीज के पास पहुंचा।

आयोग ने बताया कि राज्य सरकार ने बताया कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ विभागीय जांच शुरु कर दी गई है।

बयान के अनुसार, जांच समिति की रिपोर्ट पश्चिम बंगाल चिकित्सा आयोग को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भेजी गई है।



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PTI News Agency

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