संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के सदस्यों ने ‘क्रमिक अनशन’ शुरू किया; राष्ट्रीय रोजगार नीति की मांग
Wednesday, Aug 17, 2022 - 10:19 PM (IST)
नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) संयुक्त रोजगार आंदोल समिति के सदस्यों ने देश में रोजगार नीति लागू करने की मांग को लेकर बुधवार से ‘क्रमिक अनशन’ शुरू किया है।
समिति ने एक बयान में कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता भी सदस्यों के साथ शामिल हुए और कहा कि वह राष्ट्रीय रोजगार नीति को लेकर संसद में निजी विधेयक लाएंगे।
दिल्ली सरकार में मंत्री व ‘देश की बात फाउंडेशन’ के संस्थापक गोपाल राय ने कहा कि नंदनगरी से जंतर-मंतर तक ‘तिरंगा पदयात्रा’ निकाली जानी थी लेकिन रविवार को पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पहली बार है जब रोजगार के मुद्दे पर तिरंगे के साथ निकाली जा रही यात्रा को प्रशासन ने अचानक रोक दिया।’’
राय ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों और नागरिक समाज संस्थाओं के सदस्यों ने भी देश में राष्ट्रीय रोजगार नीति लागू करने की मांग का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम शांतिपूर्ण तरीके से सरकार से नीति बनाने का अनुरोध कर रहे हैं क्योंकि यह हमारे बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर है। हमारी समिति के सभी सदस्य अगले सात दिनों तक इसी तरह से क्रमिक अनशन जारी रखेंगे।’’
राय ने कहा कि राष्ट्रीय रोजगार नीति वक्त की जरूरत है क्योंकि बेरोजगारी इस समय सबसे बड़ी चुनौती है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
समिति ने एक बयान में कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता भी सदस्यों के साथ शामिल हुए और कहा कि वह राष्ट्रीय रोजगार नीति को लेकर संसद में निजी विधेयक लाएंगे।
दिल्ली सरकार में मंत्री व ‘देश की बात फाउंडेशन’ के संस्थापक गोपाल राय ने कहा कि नंदनगरी से जंतर-मंतर तक ‘तिरंगा पदयात्रा’ निकाली जानी थी लेकिन रविवार को पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पहली बार है जब रोजगार के मुद्दे पर तिरंगे के साथ निकाली जा रही यात्रा को प्रशासन ने अचानक रोक दिया।’’
राय ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों और नागरिक समाज संस्थाओं के सदस्यों ने भी देश में राष्ट्रीय रोजगार नीति लागू करने की मांग का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम शांतिपूर्ण तरीके से सरकार से नीति बनाने का अनुरोध कर रहे हैं क्योंकि यह हमारे बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर है। हमारी समिति के सभी सदस्य अगले सात दिनों तक इसी तरह से क्रमिक अनशन जारी रखेंगे।’’
राय ने कहा कि राष्ट्रीय रोजगार नीति वक्त की जरूरत है क्योंकि बेरोजगारी इस समय सबसे बड़ी चुनौती है।
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