मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त पांडेय ने जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
punjabkesari.in Friday, Aug 12, 2022 - 08:31 PM (IST)
नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त संजय पांडेय ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) कर्मचारियों की जासूसी और अवैध रूप से फोन टैपिंग के आरोपों से संबंधित धनशोधन मामले में जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए संजय पांडेय ने एक अलग याचिका भी दायर की है। इसमें उन्होंने धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी के आरोपों में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है।
दोनों याचिकाओं को सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति जसमीत सिंह के समक्ष 16 अगस्त को सूचीबद्ध किया गया है।
पांडेय ने धनशोधन मामले में निचली अदालत के चार अगस्त के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था। निचली अदालत ने कहा था कि उपलब्ध सामग्री से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि वह एनएसई में कॉल रिकॉर्डिंग और निगरानी में सक्रिय रूप से शामिल थे तथा वहां के कर्मचारियों के साथ ही आईसेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ सीधे संपर्क में थे। उन्होंने ही इस कंपनी की स्थापना की थी और यह कंपनी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के साइबर सुरक्षा ऑडिट के लिए जिम्मेदार थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने 19 जुलाई को पांडेय को गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने 14 जुलाई को फोन टैपिंग मामले में एनएसई की पूर्व प्रबंधन निदेशक (एमडी) चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए संजय पांडेय ने एक अलग याचिका भी दायर की है। इसमें उन्होंने धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी के आरोपों में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है।
दोनों याचिकाओं को सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति जसमीत सिंह के समक्ष 16 अगस्त को सूचीबद्ध किया गया है।
पांडेय ने धनशोधन मामले में निचली अदालत के चार अगस्त के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था। निचली अदालत ने कहा था कि उपलब्ध सामग्री से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि वह एनएसई में कॉल रिकॉर्डिंग और निगरानी में सक्रिय रूप से शामिल थे तथा वहां के कर्मचारियों के साथ ही आईसेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ सीधे संपर्क में थे। उन्होंने ही इस कंपनी की स्थापना की थी और यह कंपनी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के साइबर सुरक्षा ऑडिट के लिए जिम्मेदार थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने 19 जुलाई को पांडेय को गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने 14 जुलाई को फोन टैपिंग मामले में एनएसई की पूर्व प्रबंधन निदेशक (एमडी) चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था।
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