न्यायालय ने राज्यों से अपने अधिकार क्षेत्र में रेरा नियमों में बदलावों पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा

Friday, Aug 12, 2022 - 07:58 PM (IST)

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सभी राज्य सरकारों को रियल एस्टेट (नियमन और विकास) (रेरा) अधिनियम, 2016 और संबंधित नियमों एवं कानूनों के क्रियान्वयन में विचलन और बदलावों पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा।

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तीन सप्ताह के भीतर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को अपना जवाब देने को कहा ताकि वह अधिवक्ता देवाशीष भरुका के परामर्श से एक सारणीबद्ध चार्ट के जरिये विवरणों का मिलान कर सके।

भरुका एक न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे हैं।

पीठ ने उन याचिकाओं को 16 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया जिनमें देशभर में एक मॉडल बिल्डर-खरीदार समझौते को लागू करने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने कहा कि वह न्याय मित्र के सुझावों के आधार पर सुनवाई की अगली तारीख को निर्देश पारित करेगी।

इसने कहा कि न्याय मित्र और मंत्रालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी दोनों को स्थानीय जरूरतों के अनुसार कुछ बदलाव करने के लिए राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर एक मॉडल बिल्डर-खरीदार समझौता तैयार करना चाहिए।

इस संबंध में एक प्रमुख याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि अदालत को देशभर में ‘एक राष्ट्र-एक बिल्डर-खरीदार समझौते’ को अपनाने के लिए निर्देश पारित करना चाहिए।

उपाध्याय ने कहा कि कोई दिल्ली या मुंबई में संपत्ति खरीदता है तो समझौता समान होना चाहिए, और नियम और शर्तें भी समान होनी चाहिए। पीठ ने कहा कि चीजें उतनी आसान नहीं हैं, जितनी दिखती हैं।

भरुका ने पीठ के सामने एक चार्ट पेश किया और बताया कि कई राज्यों ने अपनी स्थानीय जरूरतों के आधार पर अपने स्थानीय कानूनों में बदलाव किया है, जबकि कई ने कोई बदलाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उनके चार्ट में बदलाव के आधार पर विभिन्न श्रेणियां बनाई गई हैं।

उच्चतम न्यायालय ने 18 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) (रेरा) कानून, 2016 के नियमों के उनके क्षेत्रों में क्रियान्वयन को लेकर केंद्र के सवालों का जवाब देने को कहा था।

पीठ ने कहा था कि केंद्र सरकार ने मार्च, 2022 में सभी राज्यों को पत्र लिखकर रेरा कानून के तहत अधिसूचित बिक्री नियमों के समझौते और उनके अनुपालन के संदर्भ में कुछ सूचनाएं मांगी थीं, लेकिन केवल पांच राज्यों ने अब तक जवाब दिये।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 14 फरवरी को केंद्र को यह पता लगाने का निर्देश दिया था कि रेरा कानून के तहत विभिन्न राज्यों ने जो नियम बनाये हैं, वे मकान खरीदारों के हित में हैं या नहीं।



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PTI News Agency

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