भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दुर्लभ दस्तावेजों और गुमनाम नायकों से जुडी प्रदर्शनी

punjabkesari.in Friday, Aug 12, 2022 - 07:10 PM (IST)

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) आजादी की 75वीं सालगिरह के अवसर पर राष्ट्रीय अभिलेखागार में 200 साल के औपनिवेशिक शासन के दौरान विभिन्न विद्रोहों और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े दुर्लभ और मूल दस्तावेजों तथा तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई गई है।
प्रदर्शनी का शीर्षक है, ‘‘आजादी की गाथा : ज्ञात और कम ज्ञात संघर्ष’’, जिसका उद्घाटन शुक्रवार को केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राष्ट्रीय अभिलेखागार में ‘‘ आजादी का अमृत महोत्सव’’ के तहत किया।
राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक चंदन सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘प्रदर्शनी में भारत के स्वतंत्रता संग्राम और विभिन्न विद्रोहों को प्रदर्शित किया गया, जैसे सन 1771 से 1809 के मिदनापुर और बांकुड़ा जिलों के जंगल महल इलाके में चुआर जनजातियों का चुआर विद्रोह, 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन। इसके साथ ही स्वतंत्रता से जुड़े कुछ अहम घटनाक्रमों को भी प्रदर्शित किया गया है। अधिकतर अभिलेखों को पहली बार प्रदर्शित किया गया है और ये बहुत ही दुलर्भ हैं।’’
उन्होंने बताया कि दुलर्भ दस्तावेजों में स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई के दौरान छह जुलाई 1857 को नाना साहिब द्वारा भारतीय सैनिकों के लिए उर्दू में जारी घोषणा पत्र शामिल है।

सिन्हा ने बताया, ‘‘इस घोषणा पत्र की मूल प्रति के साथ हिंदी और अंग्रेजी अनुवाद प्रदर्शित किया गया है। अंग्रेज संस्करण के अंत में टिप्पणी लिखी गई है ‘‘... यह उल्लेखनीय है कि मोहम्मडन (मुस्लिम) शब्दों और भाषा का इस्तेमाल किया है जबकि इसे हिंदू नाना द्वारा जारी किया गया है।’’
इस प्रदर्शन में अन्य दुलर्भ सामग्री प्रदर्शित की गई है, जिनमें झांसी परिवार का वंश वृक्ष, पंजाब का कूका विद्रोह (संबंधित दस्तावेज एक फरवरी 1872 का है।), वर्ष 1920 से 1940 तक सक्रिय और विदेश में बसे लोगों को संगठित करने के लिए गठित राजनीतिक संगठन इंडियन इंडिपेंडेंस लीग से जुड़े अभिलेख शामिल हैं, जो भारत से ब्रिटिश शासन को खत्म करने का प्रयास कर रहा था।
प्रदर्शनी में रखे गए अन्य दस्तावेजों में संबलपुर विद्रोह (1827 से 1862) से जुड़े अभिलेख, वर्ष 1946 में रॉयल इंडियन नेवी के विद्रोह से जुड़े दस्तावेज, भारत स्वतंत्रता अधिनियम, भगत सिंह की कैद और उनकी डायरी से जुड़े दस्तावेज, चेपकर बंधु (1897), रम्पा विद्रोह (1922-1924), हरेका आंदोलन (1930) से जुड़े अभिलेख शामिल हैं।
इनके अलावा ब्रिटिश शासन के दौरान निषिद्ध किए गए कई पोस्टर, किताबों, प्रकाशनों और अन्य सामग्री को भी प्रदर्शित किया गया है।
मंत्री ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘‘हमारे स्वतंत्रता संग्राम के अज्ञात और कम ज्ञात नायकों के बारे में सूचना प्रदर्शित कर राष्ट्रीय अभिलेखागार ने युवा पीढ़ी को प्रेरित किया है।’’
राष्ट्रीय अभिलेखागार के उप निदेशक संजय गर्ग ने कहा कि यह प्रदर्शनी 30 सितंबर तक चलेगी।



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PTI News Agency

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