जैश के आतंकवादी को काली सूची में डालने से रोकना चीन के दोहरे मापदंड का परिचायक : सूत्र

punjabkesari.in Thursday, Aug 11, 2022 - 05:53 PM (IST)

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के दूसरे नंबर के ओहदेदार अब्दुल रऊफ अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को चीन द्वारा बाधित करने के बाद सरकार से जुड़े सूत्रों ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन का यह कदम ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ है और आतंकवाद से निपटने में उसके दोहरे मापदंड को दर्शाता है।

चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई एवं पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के दूसरे नंबर के ओहदेदार अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में बाधित कर दिया है।

अब्दुल रऊफ 1999 में इंडियन एयरलाइन्स के विमान आईसी814 के अपहरण, 2001 में संसद पर हमले और 2016 में पठानकोट में वायु सेना के अड्डे को निशाना बनाने समेत भारत में अनेक आतंकवादी हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने में शामिल रहा है।

सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के किसी भी आतंकवादी को काली सूची में डालने के प्रयास को बाधित करने के चीन के ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ ये कदम, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंध समिति की कार्यपद्धति की शुचिता को कमजोर करते हैं।

रऊफ को प्रतिबंधित करने का परिणाम यह होता कि उस पर यात्रा प्रतिबंध लग जाता और पाकिस्तान को उसकी संपत्तियों पर रोक लगाने के साथ हथियारों तथा संबंधित सामग्री तक उसकी पहुंच को समाप्त करना पड़ता।

चीन ने बुधवार को रऊफ का नाम काली सूची में डालने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और अमेरिका के समर्थन वाले संयुक्त प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी थी। सुरक्षा परिषद के अन्य सभी 14 सदस्य देशों ने इस कदम का समर्थन किया था।

उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने ‘1267 प्रतिबंध समिति’ में आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को बाधित किया है।

गौरतलब है कि चीन ने इससे पहले जून 2022 में पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के भारत तथा अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी क्षण में बाधित कर दिया था। मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक कारणों के चलते प्रतिबंध समिति को उसका काम करने से रोका गया।’’
चीन ने अपने इस कदम का बचाव करने का प्रयास करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उसे आवेदन का आकलन करने के लिए और वक्त चाहिए।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेस वार्ता में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘ हमें इस आदमी पर पाबंदी लगाने के आवेदन का आकलन करने के लिए और वक्त चाहिए।’’
वांग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के संगठनों तथा व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया और कार्यक्रम के संबंध में स्पष्ट प्रावधान हैं।

रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में बाधा डालने के सवाल पर वांग ने कहा , ‘‘चीन ने समिति के नियमों और प्रक्रियाओं का हमेशा कड़ाई से पालन किया है और उसके काम में सकारात्मक तथा जिम्मेदाराना तरीके से भाग लिया है। हमें उम्मीद है कि अन्य सदस्य भी ऐसा करेंगे।’’
पाकिस्तान में 1974 में जन्मे अब्दुल रऊफ अजहर पर अमेरिका ने दिसंबर 2010 में प्रतिबंध लगा दिया था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत रहमान मक्की पर पाबंदी लगाने के अनुरोध पर रोक लगाने के बारे में पूछे जाने पर वांग ने दोहराया, ‘‘हम हमेशा यूएनएससी समिति के नियमों और प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन करते हैं और सकारात्मक तथा जिम्मेदाराना तरीके से उसके काम में भाग लेते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि संबंधित मीडिया आधारहीन अटकलें लगाने से खुद को रोकेगा।’’

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