सिसोदिया ने बैजल पर अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने पर रुख बदलने का आरोप लगाया

punjabkesari.in Saturday, Aug 06, 2022 - 10:01 PM (IST)

नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल पर अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के मामले में रुख बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि इसके कारण दिल्ली सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।

सिसोदिया ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने इस मामले से जुड़ी जानकारी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भेज दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एजेंसी मामले की गहन जांच करेगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘वास्तविक भ्रष्टाचार’ तब हुआ जब बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से परामर्श लिए बिना नीति में कुछ अहम बदलाव किए।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने सवाल किया किसके दबाव में नीति में बदलाव किए गए।

जब दिल्ली सरकार ने नयी आबकारी नीति बनाई थी, तब बैजल उपराज्यपाल थे। सरकार ने पिछले सप्ताह यह नीति वापस लेने की घोषणा की थी और वह एक सितंबर से अपने उपक्रमों के माध्यम से पुरानी आबकारी व्यवस्था के तहत शराब की दुकानें संचालित करने की तैयारी कर रही है।

सिसोदिया ने सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को एक पत्र भी लिखा है जिसमें शराब की दुकानों को खोलने से पहले पूर्व उपराज्यपाल द्वारा की गईं कथित ‘‘कई घोर खामियों’’ की विस्तृत जानकारी दी गई है।
सिसोदिया के मुताबिक, इन ‘‘खामियों की वजह से सरकार को हजारों करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।’’
संवाददाता सम्मेलन में सिसोदिया ने आरोप लगाया, ‘‘पूर्व उपराज्यपाल ने दुकानों को खोले जाने से पहले नयी आबकारी नीति में बदलाव किए ताकि वह कुछ शराब करोबारियों को विशेष राहत दे सकें। दिल्ली सरकार को अचानक उठाए गए इस कदम से हजारों करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान सहना पड़ा।’’
उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि बैजल ने आबकारी नीति का बारीकी से निरीक्षण व अध्ययन किया था और उन्होंने अपनी समझ के मुताबिक बदलाव के सुझाव भी दिए थे।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘फिर क्यों उन्होंने दुकानों के खुलने से महज 48 घंटे पहले नीति में बदलाव किए?’’
सिसोदिया ने पूछा, ‘‘पुरानी शराब नीति में, पूर्व के सभी उपराज्यपालों ने अनधिकृत कॉलोनियों में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी, फिर इस नीति में अचानक बदलाव क्यों किया गया? क्यों दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से अनापत्ति पत्र को इससे जोड़ा गया?’’
उन्होंने कहा, ‘‘तत्कालीन उपराज्यपाल के मंत्रिमंडल से सलाह लिए बिना बदलाव करने व निर्वाचित सरकार को भरोसे में लिए बिना आदेश जारी करने की वजह से सरकार को हजारों करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।’’
सिसोदिया ने कहा कि मई 2021 में मंजूर नयी आबकारी नीति के तहत अनधिकृत क्षेत्रों समेत पूरी दिल्ली में 849 दुकानें खोली जानी थीं और दुकानों की संख्या पुरानी नीति के तहत चल रही दुकानों के बराबर ही थी।

हालांकि, पुरानी नीति में 849 दुकानों का वितरण समान नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ इलाकों या वार्ड में शराब की 25 दुकानें तक थीं। इसी प्रकार कुछ शॉपिंग मॉल में 10 से 15 यहां तक कि शराब की 20 दुकानें थीं, जबकि कुछ बाजारों में कोई दुकान नहीं थी। इसे बदलने के लिए हमने नयी नीति में शराब की दुकानों के समान वितरण का सिद्धांत अपनाया।’’
सिसोदिया ने कहा, ‘‘हमने जोर दिया कि शराब की दुकानें बढ़ाई नहीं जाएं लेकिन समान वितरण हो। इसका मकसद जहरीली शराब या अन्य हादसों और अनियमितताओं को रोकना था।’’
मंत्री ने कहा कि जब मंत्रिमंडल ने नीति को उपराज्यपाल के पास मई 2021 में मंजूरी के लिए भेजा, तो उन्होंने नीति को विस्तार से पढ़ा और ‘‘कई प्रावधानों पर अमूल्य सुझाव दिए, जिसे मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया।

सिसोदिया ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने वे बदलाव किए और जून 2021 में नीति को फिर से उपराज्यपाल के पास भेजा जिसे उन्होंने मंजूरी दे दी।’’
उन्होंने कहा कि तत्कालीन उपराज्यपाल ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया और इसे मंजूरी दे दी।

सिसोदिया ने कहा, ‘‘नीति को मंजूरी देते हुए उपराज्यपाल ने न तो अनधिकृत इलाकों में दुकानें खोलने पर आपत्ति जताई और न ही बदलाव के लिए कोई सुझाव दिया। उनकी मंजूरी के बाद नयी नीति के तहत टेंडर निकाला गया। सरकार की उम्मीदों से 25 प्रतिशत अधिक राशि पर लाइसेंस धारकों ने टेंडर लिया।’’
उन्होंने कहा कि 17 नवंबर 2021 को शराब की दुकानें खुलनी थीं, लेकिन 15 नवंबर को उपराज्यपाल ने नयी शर्त जोड़ दी कि अनधिकृत कॉलोनियों में शराब की दुकानें खोलने के लिए डीडीए और एमसीडी की मंजूरी लेनी होगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने (बैजल) नयी शर्तें लगाईं क्योंकि वह जानते थे कि इसकी मंजूरी के लिए फाइल दोबारा उपराज्यपाल के पास आएगी। यह यू टर्न अप्रत्याशित और स्तब्ध करने वाला था तथा इसकी वजह से अनधिकृत इलाकों में शराब की दुकानें नहीं खुल सकीं।’’
उन्होंने बताया कि नए लाइसेंस धारक इसके खिलाफ अदालत गए और अदालत ने भी उनसे अनधिकृत कॉलोनी की दुकानों के लिए लाइसेंस शुल्क नहीं लेने का निर्देश दिया। सिसोदिया ने कहा कि अदालत ने उन्हें कर में छूट सहित अन्य रियायतें देने को कहा।

मंत्री ने कहा कि नयी आबकारी नीति से राजस्व को बहुत लाभ होता लेकिन ठीक इसके उलट हुआ।

उल्लेखनीय है कि मौजूदा उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। नीति के तहत शहर के 32 जोन में शराब की खुदरा बिक्री के लिए निजी कंपनियों को लाइसेंस जारी किए गए थे।

इस बीच, आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने पूर्व उपराज्यपाल के बचाव में आने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आड़े हाथ लिया।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘उपमुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए सवालों की सीबीआई जांच से आपको क्या समस्या है? आप क्यों भयभीत हैं?’’
भारद्वाज ने कहा, ‘‘भाजपा को पूर्व उपराज्यपाल को बचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। जब हम सीबीआई जांच का स्वागत कर रहे हैं तो उन्हें (भाजपा) भी ऐसा करना चाहिए।’’


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