तेलंगाना के मुख्यमंत्री का बैठक के बहिष्कार का निर्णय दुर्भाग्यपूर्णः नीति आयोग
Saturday, Aug 06, 2022 - 09:04 PM (IST)
नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) नीति आयोग ने रविवार को होने वाली अपनी संचालन परिषद की बैठक का बहिष्कार करने के तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के निर्णय को ''दुर्भाग्यपूर्ण'' बताया है।
आयोग ने राव की तरफ से इस आशय की घोषणा के बाद शनिवार को एक बयान में कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री की तरफ से लगाए गए आरोपों को वह खारिज करता है।
आयोग ने कहा, ‘‘तेलंगाना के माननीय मुख्यमंत्री की तरफ से लगाया गया यह आरोप गलत है कि इस बैठक का एजेंडा तय करते समय राज्यों के साथ विमर्श नहीं किया गया है। राज्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए पहले ही कई कदम उठाए गए हैं।’’
नीति आयोग ने कहा कि हाल में उसकी तरफ से बैठक के लिए किए गए अनुरोधों के बावजूद मुख्यमंत्री की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। इसके पहले आयोग के उपाध्यक्ष की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल ने जनवरी 2021 में विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की थी।
राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर नीति आयोग के संचालन परिषद की बैठक का बहिष्कार करने की बात कही है। इसके लिए उन्होंने राज्यों के साथ केंद्र सरकार के भेदभावपूर्ण बर्ताव को कारण बताते हुए कहा है कि राज्यों को सशक्त किए बगैर देश को सशक्त नहीं किया जा सकता है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आयोग ने राव की तरफ से इस आशय की घोषणा के बाद शनिवार को एक बयान में कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री की तरफ से लगाए गए आरोपों को वह खारिज करता है।
आयोग ने कहा, ‘‘तेलंगाना के माननीय मुख्यमंत्री की तरफ से लगाया गया यह आरोप गलत है कि इस बैठक का एजेंडा तय करते समय राज्यों के साथ विमर्श नहीं किया गया है। राज्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए पहले ही कई कदम उठाए गए हैं।’’
नीति आयोग ने कहा कि हाल में उसकी तरफ से बैठक के लिए किए गए अनुरोधों के बावजूद मुख्यमंत्री की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। इसके पहले आयोग के उपाध्यक्ष की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल ने जनवरी 2021 में विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की थी।
राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर नीति आयोग के संचालन परिषद की बैठक का बहिष्कार करने की बात कही है। इसके लिए उन्होंने राज्यों के साथ केंद्र सरकार के भेदभावपूर्ण बर्ताव को कारण बताते हुए कहा है कि राज्यों को सशक्त किए बगैर देश को सशक्त नहीं किया जा सकता है।
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