श्रीलंका के बंदरगाह में चीनी पोत को लंगर डालने की अनुमति पर रास में जताई गई चिंता
punjabkesari.in Wednesday, Aug 03, 2022 - 12:33 PM (IST)

नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) श्रीलंका के बंदरगाह में चीन के युद्धपोत को लंगर डालने की अनुमति दिए जाने पर चिंता जताते हुए राज्यसभा में बुधवार को एक सदस्य ने कहा कि यह पोत न केवल भारत की जासूसी कर सकता है बल्कि देश के तटीय क्षेत्र को भी इस पोत की वजह से खतरा हो सकता है।
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए एमडीएमके सदस्य वाइको ने कहा कि श्रीलंका ने इस माह चीनी युद्धपोत को अपने हंबनटोटा बंदरगाह में लंगर डालने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि यह युद्धपोत भारत के लिए चिंता बढ़ा रहा है क्योंकि यह सामान्य युद्धपोत नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत के लिए चिंता की बात यह है कि यह पोत उसकी जासूसी कर सकता है। इसके साथ ही भारत के तटीय हिस्से के लिए भी इस पोत से खतरा उत्पन्न हो सकता है।
वाइको ने कहा कि चीनी युद्धपोत को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे भारत की सुरक्षा को किसी भी प्रकार का खतरा हो।
उन्होंने कहा कि चीन के साथ तनाव को देखते हुए यह चिंताजनक है और सरकार को द्वीपीय देश श्रीलंका के साथ यह मुद्दा उठाना चाहिए। उन्होंने साथ ही मांग की कि रक्षा मंत्री को इस मुद्दे पर सदन में एक बयान दे कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए एमडीएमके सदस्य वाइको ने कहा कि श्रीलंका ने इस माह चीनी युद्धपोत को अपने हंबनटोटा बंदरगाह में लंगर डालने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि यह युद्धपोत भारत के लिए चिंता बढ़ा रहा है क्योंकि यह सामान्य युद्धपोत नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत के लिए चिंता की बात यह है कि यह पोत उसकी जासूसी कर सकता है। इसके साथ ही भारत के तटीय हिस्से के लिए भी इस पोत से खतरा उत्पन्न हो सकता है।
वाइको ने कहा कि चीनी युद्धपोत को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे भारत की सुरक्षा को किसी भी प्रकार का खतरा हो।
उन्होंने कहा कि चीन के साथ तनाव को देखते हुए यह चिंताजनक है और सरकार को द्वीपीय देश श्रीलंका के साथ यह मुद्दा उठाना चाहिए। उन्होंने साथ ही मांग की कि रक्षा मंत्री को इस मुद्दे पर सदन में एक बयान दे कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।
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