पीएमएलए: न्यायालय ने कार्यपालिका से अपीलीय न्यायाधिकरण में रिक्तियां भरने को कहा

Wednesday, Jul 27, 2022 - 07:18 PM (IST)

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि धन शोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत अपीलीय न्यायाधिकरण में रिक्तियों के संबंध में कार्यपालिका को सुधारात्मक उपाय करने की जरूरत है।

शीर्ष अदालत ने पीएमएलए के कुछ प्रावधानों की वैधता को बरकरार रखते हुए कहा कि न्यायाधिकरण को बिना किसी रुकावट के पीड़ित व्यक्तियों के लिए कार्यात्मक और सुलभ होना चाहिए।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अपीलीय न्यायाधिकरण में रिक्तियों के बारे में शिकायत की गई हैं। अस्थायी कुर्की, और कुछ मामलों में इस तरह कुर्क की गई संपत्ति का कब्जा लेने के संबंध में गंभीर पूर्वाग्रह की बात भी सामने आई हैं।

पीठ ने कहा कि यह शिकायत भले ही वास्तविक हो, लेकिन यह पीएमएलए के प्रावधानों की वैधता की समीक्षा करने या उन प्रावधानों के प्रभाव पर सवाल उठाने का आधार नहीं हो सकती है।

पीठ ने कहा, ‘‘संसद ने इस विशेष कानून के तहत केंद्र सरकार द्वारा संपत्ति की कुर्की, कब्जे और जब्ती तथा संबंधित मामलों से निपटने के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण के रूप में एक विशेषज्ञ निकाय बनाया है, लेकिन जरूरी है कि यह मंच पीड़ित व्यक्तियों के लिए निर्बाध रूप से कार्यात्मक और सुलभ हो।’’
पीठ में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार भी शामिल हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हमें इस संबंध में जरूरी सुधारात्मक उपाय के लिए कार्यपालिका को प्रभावित करने की जरूरत है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘इस तरह के मंच के अभाव में, पीड़ित व्यक्तियों को हर बार उच्च न्यायालय में भागना पड़ता है, जिसे वास्तव में टालना चाहिए।’’
पीठ ने आगे कहा, ‘‘याचिकाकर्ता द्वारा अपीलीय न्यायाधिकरण में रिक्तियों के कारण अन्याय पर गंभीर चिंता व्यक्त करना उचित है। हम इस संबंध में सुधारात्मक उपाय करने के लिए कार्यपालिका को प्रभावित करना जरूरी समझते हैं।’’
शीर्ष अदालत ने पीएमएलए के कुछ प्रावधानों की व्याख्या से संबंधित याचिकाओं पर अपने फैसले के दौरान यह बात कही।



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PTI News Agency

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