एडिटर्स गिल्स, प्रेस क्लब ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की

punjabkesari.in Tuesday, Jun 28, 2022 - 07:58 PM (IST)

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया तथा मुंबई प्रेस क्लब समेत कुछ पत्रकार संगठनों ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोपों में ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए मंगलवार को इसे ‘अत्यंत निराशाजनक’ बताया और जुबैर को तत्काल रिहा किये जाने की मांग की।

मीडिया संस्थाओं ने इस बात की ओर इशारा किया कि जुबैर के खिलाफ कार्रवाई उस दिन की गयी है जब भारत ने जी7 देशों के सम्मेलन में भाग लिया और ‘ऑनलाइन तथा ऑफलाइन’ बोलने की आजादी को संरक्षण की वकालत की।

गिल्ड ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘स्पष्ट है कि ऑल्ट न्यूज की सतर्कता उन लोगों को रास नहीं आई जो दुष्प्रचार को समाज के ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल करते हैं।’’
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने जुबैर को धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने तथा धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए जानबूझकर कृत्य करने के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया था।

गिल्ड ने कहा, ‘‘जुबैर को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153 तथा 295 के तहत गिरफ्तार किया गया है। यह अत्यंत निराशाजनक है क्योंकि जुबैर और उसकी वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने पिछले कुछ सालों में बड़े तथ्यात्मक तरीके से फर्जी खबरों का पता लगाने तथा दुष्प्रचार अभियानों को धता बताने के लिए उत्कृष्ट काम किया है।’’
संस्था ने दिल्ली पुलिस से जुबैर को तत्काल रिहा करने की मांग की।

गिल्ड ने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जर्मनी में जी7 सम्मेलन में किये गये वादों को पूरा किया जाए ताकि ऑनलाइन और ऑफलाइन सामग्री की रक्षा करके एक लचीला लोकतंत्र बनाया जा सके।’’
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा, ‘‘मोहम्मद जुबैर को हड़बड़ी में गिरफ्तार करने की दिल्ली पुलिस की कार्रवाई दिखाती है कि स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा वैश्विक मंच पर जतायी गई देश की प्रतिबद्धता का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया गया।’’
मुंबई प्रेस क्लब ने एक बयान में कहा, ‘‘जुबैर को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं।’’
मुंबई प्रेस क्लब ने बयान में कहा कि ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने आरोप लगाया कि जुबैर को उस मामले में गिरफ्तार किया गया जिसके लिए पुलिस ने कोई नोटिस नहीं दिया था। उसने कहा कि कानून के तहत नोटिस देना अनिवार्य है।

इससे पहले डिजिटल मीडिया संस्थानों के एक निकाय ने जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की थी और दिल्ली पुलिस से जुबैर के खिलाफ मामला तत्काल वापस लेने को कहा।

डिजिपब ने बयान जारी कर कहा कि लोकतंत्र में सभी लोगों को अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी का अधिकार है, ऐसे में इस तरह के सख्त कानूनों को पत्रकारों के खिलाफ औजार के तौर पर इस्तेमाल करना अन्यायोचित है।

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PTI News Agency

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