सीवीसी की समिति एबीबीएफएफ ने 84 बैंक धोखाधड़ी मामलों पर अपनी ‘सलाह’ दी
Sunday, Jun 19, 2022 - 01:29 PM (IST)
नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा गठित समिति - बैंकिंग और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए सलाहकार बोर्ड (एबीबीएफएफ) ने बैंक धोखाधड़ी के 84 मामलों में गहन जांच के बाद अपनी सलाह दे दी है।
एबीबीएफएफ ने पिछले तीन वर्षों में तीन करोड़ रुपये से अधिक की 84 बैंक धोखाधड़ी के मामलों में सभी स्तरों के अधिकारियों की भूमिका की जांच की।
सीवीसी द्वारा पूर्व सतर्कता आयुक्त टी एम भसीन की अध्यक्षता में एबीबीएफएफ का गठन अगस्त, 2019 में किया गया था। इस समिति का गठन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के परामर्श से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दर्ज किए गए धोखाधड़ी के मामलों में शुरुआती स्तर की जांच के लिए किया गया था।
इस साल जनवरी में समिति की जांच के दायरे का विस्तार किया गया और 50 करोड़ रुपये से अधिक के मामलों की जगह तीन करोड़ रुपये से अधिक के मामलों को इसकी जांच के दायरे में ला दिया गया।
एबीबीएफएफ को विभिन्न संगठनों से 92 संदर्भ मिले। सूत्रों ने कहा कि इनमें से 84 मामलों के संबंध में सलाह दी गई और अन्य आठ मामलों पर इस सप्ताह के अंत में चर्चा किए जाने का प्रस्ताव है।
इनमें से 67 मामले समिति को जनवरी, 2022 से यानी उसका दायरा बढ़ने के बाद मिले।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एबीबीएफएफ ने पिछले तीन वर्षों में तीन करोड़ रुपये से अधिक की 84 बैंक धोखाधड़ी के मामलों में सभी स्तरों के अधिकारियों की भूमिका की जांच की।
सीवीसी द्वारा पूर्व सतर्कता आयुक्त टी एम भसीन की अध्यक्षता में एबीबीएफएफ का गठन अगस्त, 2019 में किया गया था। इस समिति का गठन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के परामर्श से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दर्ज किए गए धोखाधड़ी के मामलों में शुरुआती स्तर की जांच के लिए किया गया था।
इस साल जनवरी में समिति की जांच के दायरे का विस्तार किया गया और 50 करोड़ रुपये से अधिक के मामलों की जगह तीन करोड़ रुपये से अधिक के मामलों को इसकी जांच के दायरे में ला दिया गया।
एबीबीएफएफ को विभिन्न संगठनों से 92 संदर्भ मिले। सूत्रों ने कहा कि इनमें से 84 मामलों के संबंध में सलाह दी गई और अन्य आठ मामलों पर इस सप्ताह के अंत में चर्चा किए जाने का प्रस्ताव है।
इनमें से 67 मामले समिति को जनवरी, 2022 से यानी उसका दायरा बढ़ने के बाद मिले।
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