राहुल गांधी ने कहा-‘‘अदृश्य ताकतें’’ भारत को खोखला कर रहीं, भाजपा ने किया पलटवार

punjabkesari.in Saturday, May 21, 2022 - 07:31 PM (IST)

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा है कि पाकिस्तान की तरह ही भारत में भी ‘‘अदृश्य ताकतें’’ देश को खोखला कर रही हैं। इस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए उन्हें "अंशकालिक, अपरिपक्व, असफल नेता" करार दिया तथा कहा कि विदेशी धरती से टिप्पणियां कर कांग्रेस नेता ने देश के साथ विश्वासघात किया है।

शुक्रवार को लंदन में थिंक टैंक ब्रिज इंडिया द्वारा आयोजित ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ सम्मेलन के एक संवाद सत्र में गांधी ने न केवल भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया, बल्कि क्षेत्रीय दलों की नाराजगी को भी दूर करने का प्रयास किया जिन्हें उन्होंने उदयपुर में यह कहकर नाराज कर दिया था कि वे विचारधारा के अभाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने में सक्षम नहीं हैं।

तीखे हमले में, गांधी ने कहा कि भारत की आत्मा पर भाजपा का हमला हो रहा है और "बिना आवाज की आत्मा का कोई मतलब नहीं है तथा जो हुआ है वह यह है कि भारत की आवाज को कुचल दिया गया है।"
गांधी ने आरोप लगाया कि भारत की आवाज को देश के संस्थागत ढांचे ने कुचल दिया है जो परजीवी होता जा रहा है।

उन्होंने कहा, "इसलिए अदृश्य ताकतें, सीबीआई, ईडी अब भारतीय राज्य को खोखला कर रही हैं जैसा कि पाकिस्तान में होता है।"

भाजपा ने गांधी की टिप्पणियों पर पलटवार करते हुए शनिवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपनी ‘‘नफरत’’ में भारत को नुकसान पहुंचा रहे हैं तथा उनका विदेशी धरती से बार-बार आलोचनात्मक टिप्णियां करना राष्ट्र के साथ ‘‘विश्वासघात’’ के समान है।

लंदन सम्मेलन में राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भाजपा ने ‘‘पूरे देश में केरोसिन छिड़क दिया है, आपको एक चिंगारी की जरूरत है और हम बड़ी परेशानी में होंगे।’’
इस पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि यह तो कांग्रेस है जो केरोसिन छिड़कने का काम करती है और 1984 के सिख विरोधी दंगों के समय से ही कांग्रेस देश में केरोसिन छिड़कने का काम करती रही है।

भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी ‘‘हताश कांग्रेस के अंशकालिक, अपरिपक्व, असफल नेता’’ हैं जो अकसर अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे विदेशी स्थलों से देश के बारे में नकारात्मक बातें करते रहे हैं।

उन्होंने कहा, "वह (गांधी) बार-बार इस तरह की टिप्पणियां करते रहते हैं और यह कहना गलत नहीं होगा कि यह देश से विश्वासघात करने के समान है।"
लंदन में आयोजित सम्मेलन में कांग्रेस नेता ने उदयपुर में की गई अपनी टिप्पणी से पीछे हटते हुए कहा कि उनकी पार्टी क्षेत्रीय दलों का सम्मान करती है और वह ''''सर्वेसर्वा'''' नहीं बनना चाहती। साथ ही, उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई एक ‘‘सामूहिक प्रयास’’ है।

पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने और बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचने के लिए क्षेत्रीय संगठनों के साथ समन्वय करेगी।

गांधी ने सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें विपक्ष में अपने दोस्तों के साथ समन्वय करना होगा। मैं कांग्रेस को ''सर्वेसर्वा'' के रूप में नहीं देखता। यह विपक्ष के साथ सामूहिक प्रयास है। लेकिन यह भारत को फिर से हासिल करने की लड़ाई है।’’
कांग्रेस ने शनिवार को संबंधित कार्यक्रम का वीडियो जारी किया।

गांधी ने कहा, ‘‘मैंने उदयपुर में जो बात कही, जिसे गलत समझा गया, वह यह है कि यह अब एक वैचारिक लड़ाई है। यह एक राष्ट्रीय वैचारिक लड़ाई है, जिसका अर्थ है कि हम एक तमिल राजनीतिक संगठन के रूप में द्रमुक का सम्मान करते हैं, लेकिन कांग्रेस वह पार्टी है जिसकी राष्ट्रीय स्तर की विचारधारा है।’’
उन्होंने घंटे भर के संवाद के दौरान कहा कि इसलिए, कांग्रेस को अपने बारे में एक ऐसे ढांचे के रूप में सोचना होगा जो विपक्ष को सक्षम बनाता हो। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस किसी भी तरह से अन्य विपक्षी दलों से श्रेष्ठ नहीं है, हम सभी एक ही लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका अपना स्थान है, हमारा अपना स्थान है, लेकिन एक वैचारिक लड़ाई हो रही है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राष्ट्रीय दृष्टिकोण और कांग्रेस के दृष्टिकोण के बीच है।’’
माकपा नेता सीताराम येचुरी और राजद नेता तेजस्वी यादव जैसे विपक्षी दलों के नेताओं की उपस्थिति में क्षेत्रीय दलों पर गांधी की यह टिप्पणी उदयपुर में कांग्रेस के तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ में उनके द्वारा की गईं टिप्पणियों के विपरीत है।

‘चिंतन शिविर’ में गांधी ने कहा था कि राष्ट्रीय स्तर पर केवल कांग्रेस ही भाजपा से लड़ सकती है और क्षेत्रीय दल यह लड़ाई नहीं लड़ सकते क्योंकि उनकी कोई विचारधारा नहीं है।

गांधी ने यह भी कहा कि मीडिया पर भाजपा का "100 प्रतिशत नियंत्रण" और संचार तथा संस्थागत ढांचे पर व्यापक नियंत्रण है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके पास मौजूद कोष की बराबरी नहीं कर पाएंगे, हमें संचार और वित्तीय मदद के बारे में बिलकुल नए तरीके से सोचना होगा। हमें एक ऐसे संगठनात्मक ढांचे के बारे में सोचना होगा जो जनता के काफी करीब हो।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, "हमें बेरोजगारी, महंगाई और क्षेत्रीय मामलों जैसे मुद्दों पर बड़े पैमाने पर जन-आंदोलन के बारे में सोचना होगा।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसके लिए क्षेत्रीय दलों का समर्थन मांगेगी।

लंदन सम्मेलन में रूस-यूक्रेन संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि यह लद्दाख में चीन की कार्रवाई जैसा ही है।

भाटिया ने लद्दाख की स्थिति की तुलना रूस-यूक्रेन संघर्ष से करने पर गांधी की कड़ी आलोचना की और कहा कि कांग्रेस नेता ने इस तरह की टिप्पणी से गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के बलिदान का अपमान किया है।

कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि गांधी को भारत की तुलना पाकिस्तान से नहीं करनी चाहिए जो अपने अस्तित्व में आधे से अधिक समय तक सैन्य शासन के अधीन रहा है और अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए "भीख का कटोरा" लेकर घूमता है।

भाटिया ने कहा, "खबरदार! राहुल गांधी भारत की पाकिस्तान से तुलना न करें। भारत महान था, महान है और महान रहेगा।"


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