आईजीसीएआर के निदेशक को मिला दो साल का सेवा विस्तार
punjabkesari.in Friday, May 20, 2022 - 06:54 PM (IST)

नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) सरकार ने तमिलनाडु के कलपक्कम में स्थित इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) के निदेशक बी वेंकटरमण को दो साल के लिए सेवा विस्तार दिया है। एक सरकारी आदेश में यह जानकारी दी गयी।
पिछले साल सितंबर में आईजीसीएआर के निदेशक का पदभार ग्रहण करने वाले वेंकटरमण 30 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। सरकार ने उनके कार्यकाल को दो साल के लिए बढ़ा दिया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति ने कलपक्कम में स्थित इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. बी वेंकटरमण के कार्यकाल में दो साल के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उनका यह सेवा विस्तार एक जून 2022 से प्रभावी होगा और दो साल के लिए अथवा अगले आदेश तक जारी रहेगा।
डॉ. वेंकटरमण ने आईजीसीएआर में पारंपरिक एवं डिजिटल एक्स-रे, न्यूट्रॉन रेडियोग्राफी और थर्मल इमेजिंग सुविधाओं की शुरुआत कराने में अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा वह कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के गुणवत्ता आश्वासन पहलुओं की समीक्षा करने वाली परमाणु ऊर्जा विभाग की टीम का भी हिस्सा रहे हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पीएसएलवी और जीएसएलवी रॉकेट निर्माण में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पिछले साल सितंबर में आईजीसीएआर के निदेशक का पदभार ग्रहण करने वाले वेंकटरमण 30 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। सरकार ने उनके कार्यकाल को दो साल के लिए बढ़ा दिया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति ने कलपक्कम में स्थित इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. बी वेंकटरमण के कार्यकाल में दो साल के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उनका यह सेवा विस्तार एक जून 2022 से प्रभावी होगा और दो साल के लिए अथवा अगले आदेश तक जारी रहेगा।
डॉ. वेंकटरमण ने आईजीसीएआर में पारंपरिक एवं डिजिटल एक्स-रे, न्यूट्रॉन रेडियोग्राफी और थर्मल इमेजिंग सुविधाओं की शुरुआत कराने में अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा वह कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के गुणवत्ता आश्वासन पहलुओं की समीक्षा करने वाली परमाणु ऊर्जा विभाग की टीम का भी हिस्सा रहे हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पीएसएलवी और जीएसएलवी रॉकेट निर्माण में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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