सीसीपीए ने अनुचित व्यापार व्यवहार पर ओला, उबर को नोटिस भेजा
Friday, May 20, 2022 - 06:04 PM (IST)
नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ऑनलाइन कैब सेवाएं देने वाली कंपनियों ओला और उबर को अनुचित व्यापार व्यवहार और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया है। सीसीपीए ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हमने ओला और उबर दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस पिछले एक साल से कैब सेवा प्रदाताओं के खिलाफ बढ़ती उपभोक्ता शिकायतों और अन्य अनुचित व्यापार आचरण से संबंधित हैं।"
प्राधिकरण ने नोटिस का जवाब देने के लिए ओला और उबर को 15 दिन का समय दिया है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के आंकड़ों के मुताबिक, देश भर में उपभोक्ताओं द्वारा एक अप्रैल, 2021 से एक मई, 2022 के दौरान ओला के खिलाफ 2,482 शिकायतें दर्ज की गई। वहीं उबर के खिलाफ 770 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।
ओला के मामले में 54 प्रतिशत शिकायतें सेवाओं में कमी से संबंधित थीं, जबकि उबर के मामले में यह आंकड़ा 64 प्रतिशत था।
सरकार ने बीते 10 मई को कैब प्रदाताओं के साथ हुई बैठक में चेतावनी दी थी कि अगर वे अपनी व्यवस्था में सुधार और उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों का समाधान नहीं करती हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीसीपीए ने कहा, "कैब सेवाओं में कमी में ग्राहक सहायता से उचित प्रतिक्रिया की कमी, ड्राइवर द्वारा ऑनलाइन मोड से भुगतान लेने से इनकार करना और केवल नकद पर जोर देना के साथ-साथ एक ही मार्ग पर जाने के पहले की अपेक्षा अधिक शुल्क लिया जाना, अव्यवसायिक चालक व्यवहार और चालक द्वारा मना करना शामिल है।" अन्य मुद्दों में अपर्याप्त उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र शामिल थे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हमने ओला और उबर दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस पिछले एक साल से कैब सेवा प्रदाताओं के खिलाफ बढ़ती उपभोक्ता शिकायतों और अन्य अनुचित व्यापार आचरण से संबंधित हैं।"
प्राधिकरण ने नोटिस का जवाब देने के लिए ओला और उबर को 15 दिन का समय दिया है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के आंकड़ों के मुताबिक, देश भर में उपभोक्ताओं द्वारा एक अप्रैल, 2021 से एक मई, 2022 के दौरान ओला के खिलाफ 2,482 शिकायतें दर्ज की गई। वहीं उबर के खिलाफ 770 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।
ओला के मामले में 54 प्रतिशत शिकायतें सेवाओं में कमी से संबंधित थीं, जबकि उबर के मामले में यह आंकड़ा 64 प्रतिशत था।
सरकार ने बीते 10 मई को कैब प्रदाताओं के साथ हुई बैठक में चेतावनी दी थी कि अगर वे अपनी व्यवस्था में सुधार और उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों का समाधान नहीं करती हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीसीपीए ने कहा, "कैब सेवाओं में कमी में ग्राहक सहायता से उचित प्रतिक्रिया की कमी, ड्राइवर द्वारा ऑनलाइन मोड से भुगतान लेने से इनकार करना और केवल नकद पर जोर देना के साथ-साथ एक ही मार्ग पर जाने के पहले की अपेक्षा अधिक शुल्क लिया जाना, अव्यवसायिक चालक व्यवहार और चालक द्वारा मना करना शामिल है।" अन्य मुद्दों में अपर्याप्त उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र शामिल थे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।