दिल्ली में महामारी की इस लहर में टीकाकरण नहीं कराने वाले सबसे अधिक प्रभावित
punjabkesari.in Friday, Jan 28, 2022 - 01:47 AM (IST)
नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) दिल्ली में कोविड-19 के कारण 13 से 15 जनवरी के बीच कुल 89 मरीजों की मौत हुई, जिनमें से केवल 36 प्रतिशत लोगों ने ही टीके की दोनों खुराक ली थीं।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 13 से 25 जनवरी के बीच कोविड-19 के कारण कुल 438 मरीजों की मौत हुई, जिनमें से 94 मरीज ऐसे थे, जिनकी मौत का प्रमुख कारण वायरस से संक्रमण था।
आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों में अधिकतर मरीज गुर्दे, कैंसर और फेफड़े संबंधी अन्य जानलेवा बीमारियों से पीड़ित थे।
दिल्ली सरकार की द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी से 23 जनवरी के बीच 2,503 कुल नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गयी, जिनमें से 79 प्रतिशत नमूनों में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की पुष्टि हुई।
कोविड-19 महामारी की दूसरी भीषण लहर के दौरान कहर बरपाने वाले वायरस के डेल्टा स्वरूप की पुष्टि 13.70 प्रतिशत नमूनों में हुई।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 13 से 25 जनवरी के बीच कोविड-19 के कारण कुल 438 मरीजों की मौत हुई, जिनमें से 94 मरीज ऐसे थे, जिनकी मौत का प्रमुख कारण वायरस से संक्रमण था।
आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों में अधिकतर मरीज गुर्दे, कैंसर और फेफड़े संबंधी अन्य जानलेवा बीमारियों से पीड़ित थे।
दिल्ली सरकार की द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी से 23 जनवरी के बीच 2,503 कुल नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गयी, जिनमें से 79 प्रतिशत नमूनों में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की पुष्टि हुई।
कोविड-19 महामारी की दूसरी भीषण लहर के दौरान कहर बरपाने वाले वायरस के डेल्टा स्वरूप की पुष्टि 13.70 प्रतिशत नमूनों में हुई।
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