बंगाल में रेरा कानून के त्वरित क्रियान्वयन के लिए अर्जी दाखिल
punjabkesari.in Monday, Jan 24, 2022 - 07:52 PM (IST)
नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) घर खरीदारों के संगठन एफपीसीई ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर कर पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य में रियल एस्टेट नियमन कानून रेरा के समयबद्ध क्रियान्वयन का निर्देश देने की अपील की है।
उच्चतम न्यायालय ने गत वर्ष मई में पश्चिम बंगाल सरकार के बनाए रेरा कानून को निरस्त करते हुए कहा था कि यह कानून असंवैधानिक है। न्यायालय ने यह निर्देश फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट्स (एफपीसीई) की तरफ से दायर अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया था।
उस फैसले के करीब आठ महीने बाद एफपीसीई ने पश्चिम बंगाल में रियल एस्टेट नियमन एवं विकास अधिनियम (रेरा) 2016 का क्रियान्वयन नहीं किए जाने पर एक अर्जी दायर की है। इसमें राज्य सरकार को समुचित कदम उठाने का निर्देश देने की अपील की गई है।
एफपीसीई ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है कि पश्चिम बंगाल में रेरा कानून के समयबद्ध क्रियान्वयन एवं समुचित कदम उठाने का निर्देश दिया जाए। इससे घर खरीदारों के लिए अनुकूल हालात पैदा हो सकेंगे।
इस अर्जी में रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण और रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण के प्रमुख एवं सदस्यों की तत्काल नियुक्ति किए जाने की भी अपील की गई है। इस काम को चार हफ्तों के भीतर किए जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने गत वर्ष मई में पश्चिम बंगाल सरकार के बनाए रेरा कानून को निरस्त करते हुए कहा था कि यह कानून असंवैधानिक है। न्यायालय ने यह निर्देश फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट्स (एफपीसीई) की तरफ से दायर अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया था।
उस फैसले के करीब आठ महीने बाद एफपीसीई ने पश्चिम बंगाल में रियल एस्टेट नियमन एवं विकास अधिनियम (रेरा) 2016 का क्रियान्वयन नहीं किए जाने पर एक अर्जी दायर की है। इसमें राज्य सरकार को समुचित कदम उठाने का निर्देश देने की अपील की गई है।
एफपीसीई ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है कि पश्चिम बंगाल में रेरा कानून के समयबद्ध क्रियान्वयन एवं समुचित कदम उठाने का निर्देश दिया जाए। इससे घर खरीदारों के लिए अनुकूल हालात पैदा हो सकेंगे।
इस अर्जी में रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण और रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण के प्रमुख एवं सदस्यों की तत्काल नियुक्ति किए जाने की भी अपील की गई है। इस काम को चार हफ्तों के भीतर किए जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
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