रेल भवन में ''''भाप इंजन'''' के स्थान पर नजर आएगी ''''वंदे भारत एक्सप्रेस'''' की प्रतिकृति
punjabkesari.in Tuesday, Dec 07, 2021 - 09:36 AM (IST)

नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी स्थित रेल भवन परिसर में लगे ऐतिहासिक ''भाप इंजन'' को सोमवार को यहां के एक संग्रहालय में स्थानांतरित किया गया और अब इसके स्थान पर ''वंदे भारत एक्सप्रेस'' की प्रतिकृति नजर आएगी।
रेलवे के विशेषज्ञों के मुताबिक, यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल ‘दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे’ (डीएचआर) के इस भाप इंजन का निर्माण 1925 में ग्लास्गो में किया गया था, जिसे स्वतंत्रता मिलने के कुछ साल बाद दिल्ली लाया गया था।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि रेल भवन परिसर में लगे ऐतिहासिक ''भाप इंजन'' को सोमवार सुबह हटाया गया और इसे चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में स्थानांतरित किया गया ताकि ये आम लोगों के लिए उपलब्ध रहे।
प्रवक्ता ने कहा, '''' रेल भवन में प्रवेश वर्जित होने के कारण कम लोग इसे यहां देख सकते थे। राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में अधिक से अधिक संख्या में लोग इसे देख पाएंगे ओर इस निर्णय के पीछे यही विचार रहा। भाप इंजन के स्थान पर अब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की प्रतिकृति लगायी जाएगी।''''
सूत्रों का कहना है कि भारतीय रेल की प्रगति को दर्शाने के लिए स्वदेश निर्मित वंदे भारत ट्रेन की प्रतिकृति को रेल भवन में लगाया जा रहा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
रेलवे के विशेषज्ञों के मुताबिक, यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल ‘दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे’ (डीएचआर) के इस भाप इंजन का निर्माण 1925 में ग्लास्गो में किया गया था, जिसे स्वतंत्रता मिलने के कुछ साल बाद दिल्ली लाया गया था।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि रेल भवन परिसर में लगे ऐतिहासिक ''भाप इंजन'' को सोमवार सुबह हटाया गया और इसे चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में स्थानांतरित किया गया ताकि ये आम लोगों के लिए उपलब्ध रहे।
प्रवक्ता ने कहा, '''' रेल भवन में प्रवेश वर्जित होने के कारण कम लोग इसे यहां देख सकते थे। राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में अधिक से अधिक संख्या में लोग इसे देख पाएंगे ओर इस निर्णय के पीछे यही विचार रहा। भाप इंजन के स्थान पर अब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की प्रतिकृति लगायी जाएगी।''''
सूत्रों का कहना है कि भारतीय रेल की प्रगति को दर्शाने के लिए स्वदेश निर्मित वंदे भारत ट्रेन की प्रतिकृति को रेल भवन में लगाया जा रहा है।
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