गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता : नेटहेल्थ
punjabkesari.in Monday, Dec 06, 2021 - 05:25 PM (IST)
नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के संगठन नेटहेल्थ ने सोमवार को सरकार से अनुरोध किया कि वह चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने के लिये धन आवंटित करे जिससे देश में कुशल स्वास्थ्यकर्मियों की कमी दूर हो सके।
उद्योग निकाय ने अपनी बजट इच्छा सूची के तौर पर रोगियों की जरूरतों का ध्यान रखने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे के साथ छोटे शहरों में अस्पतालों के विकास की भी मांग की।
नेटहेल्थ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हर्ष महाजन ने एक बयान में कहा, “कोविड के बाद यह जरूरी है कि बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया जाए जिससे गुणवत्तापूर्ण और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच हो सके। महामारी ने हमें टियर-टू और टियर-थ्री शहरों में अस्पतालों को पर्याप्त बुनियादी ढांचे जैसे निदान केंद्रों, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन संयंत्रों को बढ़े हुए बजट परिव्यय और अधिक निवेश के माध्यम से लैस करने की आवश्यकता का एहसास कराया है।”
उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
महाजन ने कहा कि इसके अलावा तात्कालिक आवश्यकता धन आवंटित करने और चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने की है जो देश में कुशल स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को दूर कर सकता है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उद्योग निकाय ने अपनी बजट इच्छा सूची के तौर पर रोगियों की जरूरतों का ध्यान रखने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे के साथ छोटे शहरों में अस्पतालों के विकास की भी मांग की।
नेटहेल्थ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हर्ष महाजन ने एक बयान में कहा, “कोविड के बाद यह जरूरी है कि बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया जाए जिससे गुणवत्तापूर्ण और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच हो सके। महामारी ने हमें टियर-टू और टियर-थ्री शहरों में अस्पतालों को पर्याप्त बुनियादी ढांचे जैसे निदान केंद्रों, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन संयंत्रों को बढ़े हुए बजट परिव्यय और अधिक निवेश के माध्यम से लैस करने की आवश्यकता का एहसास कराया है।”
उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
महाजन ने कहा कि इसके अलावा तात्कालिक आवश्यकता धन आवंटित करने और चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने की है जो देश में कुशल स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को दूर कर सकता है।
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