अदालत ने धनशोधन मामले में राघव बहल की अर्जी पर ईडी से जवाब मांगा
punjabkesari.in Friday, Dec 03, 2021 - 08:08 PM (IST)
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मीडिया कारोबारी राघव बहल की उस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से शुक्रवार को जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ धनशोधन के एक मामले को रद्द करने का अनुरोध किया है। अदालत ने इस स्तर पर कोई अंतरिम संरक्षण आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने ईडी को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया, जिसमें जांच अधिकारी द्वारा याचिकाकर्ता को जारी नोटिस को भी चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पूछा, ‘‘क्या अदालत उच्चतम न्यायालय द्वारा (मूल अपराध से संबंधित मामले में) कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने जैसा आदेश देने पर विचार करेगी?’’
अदालत ने मामले को 27 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और कहा कि अदालत इस पर विचार नहीं करेगी।
याचिकाकर्ता के खिलाफ ईडी का मामला आयकर (आई-टी) विभाग की शिकायत से उत्पन्न हुआ है और लंदन में एक ऐसी संपत्ति खरीदने के लिए धन के कथित शोधन से संबंधित है, जिसका खुलासा नहीं किया गया है।
आयकर विभाग ने याचिकाकर्ता के खिलाफ काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिनियम 2015 के तहत आकलन वर्ष 2018-2019 के लिए दाखिल रिटर्न में कथित अनियमितताओं के लिए कार्यवाही शुरू की थी।
रोहतगी ने कहा कि आकलन वर्ष 2018-19 के लिए पुन: दाखिल करने के बाद आयकर रिटर्न को अधिकारियों द्वारा मंजूरी दे दी गई है और इसलिए, धनशोधन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने ईडी को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया, जिसमें जांच अधिकारी द्वारा याचिकाकर्ता को जारी नोटिस को भी चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पूछा, ‘‘क्या अदालत उच्चतम न्यायालय द्वारा (मूल अपराध से संबंधित मामले में) कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने जैसा आदेश देने पर विचार करेगी?’’
अदालत ने मामले को 27 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और कहा कि अदालत इस पर विचार नहीं करेगी।
याचिकाकर्ता के खिलाफ ईडी का मामला आयकर (आई-टी) विभाग की शिकायत से उत्पन्न हुआ है और लंदन में एक ऐसी संपत्ति खरीदने के लिए धन के कथित शोधन से संबंधित है, जिसका खुलासा नहीं किया गया है।
आयकर विभाग ने याचिकाकर्ता के खिलाफ काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिनियम 2015 के तहत आकलन वर्ष 2018-2019 के लिए दाखिल रिटर्न में कथित अनियमितताओं के लिए कार्यवाही शुरू की थी।
रोहतगी ने कहा कि आकलन वर्ष 2018-19 के लिए पुन: दाखिल करने के बाद आयकर रिटर्न को अधिकारियों द्वारा मंजूरी दे दी गई है और इसलिए, धनशोधन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
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