लोकसभा में केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक पेश

punjabkesari.in Friday, Dec 03, 2021 - 05:22 PM (IST)

नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) विपक्षी दलों के विरोध के बीच लोकसभा में शुक्रवार को केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021 पेश किया गया जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक के कार्यकाल को वर्तमान दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष तक किये जाने का प्रस्ताव किया गया है।
लोकसभा में कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने यह विधेयक पेश किया। यह विधेयक इससे संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है।

विधेयक को पेश किये जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस के के. सुरेश ने कहा कि इसके लिये अध्यादेश का रास्ता अपनाया गया और अब विधेयक लाया गया है जिसमें ईडी के निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि यह शुचिता एवं पारदर्शिता की भावना के खिलाफ है और इसलिये विपक्ष इसका विरोध कर रहा है।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय विपक्ष को परेशान करने के लिये केंद्र सरकार का हथियार बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिये लाया जा रहा है।
कांग्रेस के शशि थरूर ने विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए कहा कि विधेयक अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है और इस प्रकार चुनिंदा तरीके से आध्यादेश लाने का रास्ता ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह उच्चतम न्यायालय के उन आदेशों की अवहेलना भी है जिनमें दुर्लभ मामलों में ही कार्यकाल बढ़ाने की बात कही गई है।
कांग्रेस के ही अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह विधेयक भ्रमित करने वाला है और अस्पष्ट है। यह नियमों के खिलाफ और एकतरफा है।

आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने भी विधेयक पेश किये जाने का विरोध किया ।
इस पर कार्मिक, लोक शिकायत राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इस विधेयक को बिना पढ़े ही निष्कर्ष निकाला जा रहा है और भ्रमित करने वाला बताया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अभी तक कानून में कार्यकाल के संबंध में केवल न्यूनतम सीमा तय थी और उस कानून में कार्यकाल को लेकर कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की गई थी, हमने इसकी सीमा पांच वर्ष तय कर दी है।
विधेयक के प्रस्ताव में कहा गया है कि जिस अवधि के लिए प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक अपनी प्रारंभिक नियुक्ति पर पद धारण करते हैं, उसे सार्वजनिक हित में समिति की सिफारिश पर एक बार में एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है तथा प्रारंभिक नियुक्ति में उल्लिखित अवधि सहित कुल मिलाकर पांच साल की अवधि पूरी होने के बाद ऐसा कोई विस्तार प्रदान नहीं किया जाएगा।


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