विपक्ष ‘सामंती गुरूर के सुरूर’ से बाहर आए और माफी मांगे: नकवी
punjabkesari.in Wednesday, Dec 01, 2021 - 06:41 PM (IST)
नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) राज्यसभा के उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए 12 सांसदों के निलंबन को लेकर बुधवार को कहा कि विपक्ष को अपने ‘सामंती गुरूर के सुरूर’ से बाहर निकलना चाहिए और अपने कृत्य को सही ठहराने की बजाय माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सरकार हमेशा यह चाहती है कि सभी सदस्य चर्चा में भाग लें, लेकिन कुछ विपक्षी सदस्यों की प्राथमिकता व्यवधान डालने की होती है।
केंद्रीय मंत्री नकवी ने जोर देकर कहा, ‘‘लोकतंत्र के मंदिर की गरिमा गिराने वालों को अपने कृत्य को सही ठहराने की बजाय माफी मांगनी चाहिए।’’
मंत्री ने कहा कि विपक्ष को ‘सामंती गुरूर के सुरूर’ से बाहर आना चाहिए और अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए।
संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि तक के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सरकार हमेशा यह चाहती है कि सभी सदस्य चर्चा में भाग लें, लेकिन कुछ विपक्षी सदस्यों की प्राथमिकता व्यवधान डालने की होती है।
केंद्रीय मंत्री नकवी ने जोर देकर कहा, ‘‘लोकतंत्र के मंदिर की गरिमा गिराने वालों को अपने कृत्य को सही ठहराने की बजाय माफी मांगनी चाहिए।’’
मंत्री ने कहा कि विपक्ष को ‘सामंती गुरूर के सुरूर’ से बाहर आना चाहिए और अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए।
संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि तक के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
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