आगामी चुनाव के लिये चंद्रशेखर आजाद की पार्टी को समान चुनाव चिन्ह आवंटित करे निर्वाचन आयोग: अदालत

punjabkesari.in Wednesday, Dec 01, 2021 - 06:36 PM (IST)

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए चंद्रशेखर आजाद के राजनीतिक दल को एक समान चुनाव चिन्ह आवंटित करे।

निर्वाचन आयोग ने अदालत में कहा कि यदि सभी पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में भीम आर्मी प्रमुख की ''आजाद समाज पार्टी (कांशी राम)'' को एक समान चुनाव चिन्ह आबंटित करने में कोई आपत्ति नहीं है बशर्ते सभी राज्यों में वह उपलब्ध हो और तीन राज्यों के लिए पहले आबंटित किया गया चिह्न वापस किया जाता है।
इसके बाद न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की एकल पीठ ने निर्वाचन आयोग को इस प्रकिया सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया।
आजाद की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने कहा, ''''आयोग याचिकाकर्ता को पांच राज्यों में से प्रत्येक में उपलब्ध चुनाव चिन्हों के बारे में सूचित करेगा और याचिकाकर्ता उनमें से किसी को भी चुन सकता है और उसे यह चिन्ह आवंटित किया जा सकता है। चुनाव आयोग को इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया जाता है।”
आजाद की याचिका में उनके राजनीतिक संगठन के लिए एक समान चुनाव चिन्ह आबंटित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि उनकी पार्टी आगामी विधान सभा चुनावों में हिस्सा लेने जा रही है और जनता उनके चुनाव चिन्ह के बारे मे जानना चाहती है लेकिन एक समान चुनाव चिन्ह के अभाव में आजाद को ‘अपूर्णीय क्षति’ हो रही है।

अदालत ने निर्वाचन आयोग से कहा, ''''सुनिश्चित कीजिये कि उन्हें समान प्रतीक चिन्ह मिले। जो भी आपको लगे...जो भी सभी पांचों राज्यों में आपको उपलब्ध लगे, उन्हें दीजिये।''''
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि एक समान चुनाव चिन्ह के आवंटन के लिए निर्वाचन आयोग से संपर्क करने से संबंधित पहले के एक आदेश के अनुसार उन्होंने आवेदन किए लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।

निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने कहा कि आवेदनों के अनुसार, याचिकाकर्ता को तीन राज्यों - पंजाब, गोवा और मणिपुर के लिए एक समान चुनाव चिन्ह ''हेलीकॉप्टर'' आवंटित किया गया है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए आवेदन समय से पहले होने के कारण खारिज कर दिया गया था, जबकि उत्तराखंड के लिए भी वह चुनाव चिन्ह उपलब्ध नहीं था जिसकी मांग की गई थी।



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PTI News Agency

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