प्रधानमंत्री ने बीएसएफ के स्थापना दिवस पर बल के कर्मियों को बधाई दी
punjabkesari.in Wednesday, Dec 01, 2021 - 10:44 AM (IST)
नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के स्थापना दिवस के अवसर पर इस अर्धसैनिक बल के कर्मियों को बधाई दी और देश की सुरक्षा के साथ ही आपदा व संकट की घड़ी में उसके योगदान की सराहना की।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘स्थापना दिवस पर मैं बीएसएफ परिवार को बधाई देता हूं। साहस और पेशेवराना अंदाज के लिए बीएसएफ का व्यापक सम्मान किया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सुरक्षा में बीएसएफ का महत्वपूर्ण योगदान है और वह आपदा व संकट की घड़ी में भी कई मानवीय कार्यों में आगे रहता है।’’
बीएसएफ की स्थापना वर्ष 1965 में भारत की सीमाओं की रक्षा और अन्तरराष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए की गई थी। यह बल केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। बांग्लादेश की आज़ादी में ''सीमा सुरक्षा बल'' की अहम भूमिका अविस्मरणीय है।
बीएसएफ, दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ लगती भारत की 6386.36 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है। अपनी स्थापना दिवस के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल ने राष्ट्र के लिए दायित्व और अपने आदर्श वाक्य ‘जीवन पर्यंत कर्तव्य’ के लिए प्रतिबद्धता को दोहराया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘स्थापना दिवस पर मैं बीएसएफ परिवार को बधाई देता हूं। साहस और पेशेवराना अंदाज के लिए बीएसएफ का व्यापक सम्मान किया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सुरक्षा में बीएसएफ का महत्वपूर्ण योगदान है और वह आपदा व संकट की घड़ी में भी कई मानवीय कार्यों में आगे रहता है।’’
बीएसएफ की स्थापना वर्ष 1965 में भारत की सीमाओं की रक्षा और अन्तरराष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए की गई थी। यह बल केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। बांग्लादेश की आज़ादी में ''सीमा सुरक्षा बल'' की अहम भूमिका अविस्मरणीय है।
बीएसएफ, दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ लगती भारत की 6386.36 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है। अपनी स्थापना दिवस के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल ने राष्ट्र के लिए दायित्व और अपने आदर्श वाक्य ‘जीवन पर्यंत कर्तव्य’ के लिए प्रतिबद्धता को दोहराया है।
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