ओमीक्रोन का खतरा : केंद्र ने राज्यों को मामलों का शीघ्र पता लगाने के लिए जांच बढ़ाने की सलाह दी

punjabkesari.in Tuesday, Nov 30, 2021 - 10:57 PM (IST)

नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) केंद्र ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर पैदा चिंताओं के बीच मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को किसी मामले की जल्द पहचान के लिए जांच बढ़ाने, विदेश से आने वाले यात्रियों की प्रभावी निगरानी करने और ‘हॉटस्पॉट’ की सख्त निगरानी करने की सलाह दी।

हालांकि, केंद्र ने यह भी रेखांकित किया कि ऐसा नहीं है कि सार्स-सीओवी-2 का ओमीक्रोन स्वरूप आरटी-पीसीआर और आरएटी जांच की पकड़ में नहीं आता। हॉटस्पॉट वह स्थान होता है जहां अधिक संख्या में कोविड-19 के मामले सामने आते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को संसद में कहा कि अभी तक देश में कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन का कोई मामला सामने नहीं आया है और सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है कि यह देश में नहीं पहुंचे।

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एक दिसंबर से लागू होने वाले नये दिशा-निर्देशों का सुचारू रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करने की सलाह दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा ‘चिंताजनक स्वरूप’ के रूप में वर्णित ओमीक्रोन के 12 से ज्यादा देशों में मामले आ चुके हैं।

कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के मामले कई देशों में सामने आने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ डिजिटल तरीके से एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में कोविड-19 के खिलाफ जनस्वास्थ्य प्रतिक्रिया उपायों और तैयारियों की समीक्षा की गई।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि मंत्रालय के संशोधित दिशानिर्देशों और अंतरराष्ट्रीय यात्रा परामर्श को राज्यों के साथ साझा किया गया है। भूषण ने राज्यों को सलाह दी कि वे अपने बचाव उपायों को कम न करें और विभिन्न हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमापार बिंदुओं से देश में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखें।

भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘जोखिम वाले’’ देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और विशिष्ट श्रेणी के यात्रियों के नमूने की पहले दिन और आठवें दिन जांच ईमानदारी से की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ‘‘जोखिम वाले’’ देशों के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को आरटी-पीसीआर की जांच रिपोर्ट उपलब्ध होने तक हवाई अड्डों पर इंतजार करने की तैयारी करने की सलाह दी जा रही है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने बताया कि ऐसा नहीं है कि ओमीक्रोन स्वरूप आरटी-पीसीआर और आरएटी जांच की पकड़ में नहीं आता और इसलिए, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी मामले की शीघ्र पहचान के लिए जांच तेज करें।

इस बीच, केंद्र ने राष्ट्रव्यापी कोविड-19 रोकथाम उपायों को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी 25 नवंबर की सलाह का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है।

भल्ला ने यह भी कहा कि विदेश से आए यात्रियों के संपर्कों का स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार पता लगाना चाहिए और जांच करनी चाहिए। नमूनों के संक्रमित पाए जाने पर जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकोग) मार्गदर्शन दस्तावेज के अनुसार, नामित जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला में यात्रियों के नमूने तुरंत भेजे जाने चाहिए।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों से जांच दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करते हुए जांच बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आरटी-पीसीआर अनुपात को बनाए रखते हुए प्रत्येक जिले में पर्याप्त जांच सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘‘राज्यों को स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे (आईसीयू, आक्सीजन आपूर्ति वाले बिस्तर, वेंटिलेटर की उपलब्धता) की तैयारी सुनिश्चित करने और ग्रामीण क्षेत्रों और बाल चिकित्सा मामलों पर ध्यान देने के साथ आपातकालीन प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी (ईसीआरपी-द्वितीय) को लागू करने के लिए भी कहा गया है।’’
उन्हें ऑक्सीजन उत्पन्न करने वाले पीएसए संयंत्रों के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए काम करने के साथ-साथ साजो-सामान, दवाओं, आक्सीजन सिलेंडर आदि की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

राज्यों को सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के विवरण सहित संक्रमित यात्रियों की सूची के लिए हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारियों (एपीएचओ) और ‘एयर सुविधा’ पोर्टल के साथ समन्वय करने और प्रभावी निगरानी के लिए उनके समर्थन को मजबूत करने के लिए कहा गया है।

अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने एक बार में 1,500 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को ठहराने की व्यवस्था की है, जिसमें ‘जोखिम वाले’ देशों से आने वाले लोग भी शामिल हैं। इन यात्रियों को आगमन के बाद तब तक ठहराया जाएगा जब तक कि उनकी आरटी-पीसीआर जांच के परिणाम घोषित नहीं हो जाते। प्रत्येक यात्री से आरटी-पीसीआर जांच के लिए करीब 1,700 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।

कई राज्यों ने भी वायरस के प्रसार को रोकने के लिए तैयारी तेज कर दी है। दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन युक्त 30,000 बिस्तर तैयार किए हैं तथा इसकी आपूर्ति और भंडारण सुविधाओं को भी बढ़ाया है।

मुंबई में अधिकारियों ने कहा कि हवाई अड्डा प्राधिकार ने सूचित किया है कि पिछले एक पखवाड़े में अफ्रीकी देशों से करीब 1,000 लोग शहर आए लेकिन उसने अब तक 466 यात्रियों की ही सूची सौंपी है जिनमें से 100 यात्रियों के नमूने एकत्रित किए गए हैं।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के सुधाकर ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से लौटे दो व्यक्तियों में से एक के नमूने पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की रिपोर्ट अगले दो या तीन दिन में आने की उम्मीद है। दोनों व्यक्ति कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित पाए गए थे और उनमें से एक में रोग के लक्षण ‘‘डेल्टा स्वरूप से अलग’’ थे।



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