कोविड के मामलों में गिरावट की प्रवृत्ति, लेकिन वायरस के निरंतर स्वरूप बदलने से मामलों में तेज आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है: सरकार
punjabkesari.in Tuesday, Nov 30, 2021 - 09:03 PM (IST)
नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) पिछले कुछ महीनों से देश में कोविड-19 मामलों में गिरावट की प्रवृत्ति रही है, लेकिन यह वायरस निरंतर अपना स्वरूप बदल रहा है इसलिए संक्रमण बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारत सरकार देश के साथ-साथ दुनिया भर में कोविड -19 की स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है।
सरकार द्वारा देश में कोविड-19 की तीसरी लहर के बारे में स्वास्थ्य अधिकारियों की चेतावनियों पर ध्यान दिये जाने के बारे में पूछने पर, उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा समय में, राज्यों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से मामलों में गिरावट की प्रवृत्ति देखी गई है। हालाँकि, वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है, इसका कोविड-19 संक्रमण प्रसार पर प्रभाव पड़ सकता है और मामलों में वृद्धि से इंकार नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और केंद्र सरकार महामारी की शुरुआत से ही कोविड-19 के प्रबंधन में राज्यों की मदद कर रही है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद की स्वास्थ्य जटिलताओं और उनके प्रबंधन पर डॉक्टरों का मार्गदर्शन करने के लिए विशेषज्ञ परामर्श के बाद मंत्रालय द्वारा 21 अक्टूबर, 2021 को पोस्ट-कोविड सीक्वेल के प्रबंधन के लिए एक व्यापक दिशानिर्देश जारी किया गया था।
उन्होंने कहा कि इसके लिए विभिन्न माध्यमों से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।
पवार ने कहा कि वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड -19 महामारी के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए 1,113.21 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई थी।
उन्होंने कहा कि सितंबर 2020 से, केंद्र सरकार ने विभिन्न कोविड-19 संबंधित गतिविधियों के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के उपयोग की अनुमति दी है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारत सरकार देश के साथ-साथ दुनिया भर में कोविड -19 की स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है।
सरकार द्वारा देश में कोविड-19 की तीसरी लहर के बारे में स्वास्थ्य अधिकारियों की चेतावनियों पर ध्यान दिये जाने के बारे में पूछने पर, उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा समय में, राज्यों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से मामलों में गिरावट की प्रवृत्ति देखी गई है। हालाँकि, वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है, इसका कोविड-19 संक्रमण प्रसार पर प्रभाव पड़ सकता है और मामलों में वृद्धि से इंकार नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और केंद्र सरकार महामारी की शुरुआत से ही कोविड-19 के प्रबंधन में राज्यों की मदद कर रही है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद की स्वास्थ्य जटिलताओं और उनके प्रबंधन पर डॉक्टरों का मार्गदर्शन करने के लिए विशेषज्ञ परामर्श के बाद मंत्रालय द्वारा 21 अक्टूबर, 2021 को पोस्ट-कोविड सीक्वेल के प्रबंधन के लिए एक व्यापक दिशानिर्देश जारी किया गया था।
उन्होंने कहा कि इसके लिए विभिन्न माध्यमों से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।
पवार ने कहा कि वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड -19 महामारी के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए 1,113.21 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई थी।
उन्होंने कहा कि सितंबर 2020 से, केंद्र सरकार ने विभिन्न कोविड-19 संबंधित गतिविधियों के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के उपयोग की अनुमति दी है।
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