कांग्रेस समेत 11 विपक्षी दलों ने कृषि कानून निरसन विधेयक समेत कई मुद्दों पर रणनीति तय की

punjabkesari.in Monday, Nov 29, 2021 - 06:02 PM (IST)

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) कांग्रेस समेत 11 विपक्षी दलों के नेताओं ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के आरंभ होने से पहले बैठक की जिसमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक सहित कई मुद्दों को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई।

सूत्रों के मुताबिक, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई इस बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया।

इस बैठक में खड़गे के अलावा राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा, मुख्य सचेतक जयराम रमेश, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी एवं मुख्य सचेतक के. सुरेश शामिल हुए।

इसके साथ ही, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, द्रमुक के तिरुची शिवा, माकपा के इलामारम करीम, राजद के मनोज झा, भाकपा के विनय विश्वम, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एनके प्रेमचंद्रन, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर और कुछ अन्य नेता शामिल हुए।

इस बीच, राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने दावा किया कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को चर्चा के बिना पारित करना चाहती है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को बिना किसी चर्चा के संसद में आगे बढ़ाना चाहती है। 16 महीने पहले जिस तरह से तीनों कानूनों को पारित किया गया था वह अलोकतांत्रिक था। इस तरह से कानूनों को निरस्त करना और भी अलोकतांत्रिक होगा। विपक्ष इन कानूनों को निरस्त किए जाने से पहले चर्चा की मांग करता है।’’
इससे पहले, रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने सरकार से किसानों के उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर तत्काल कानून बनाने के संबंध में कदम उठाने की मांग की।
सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में करीब 30 दलों ने हिस्सा लिया । इसमें विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी विवाद, महंगाई, कृषि कानूनों, बेरोजगारी, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव सहित कुछ अन्य मुद्दों को उठाया और चर्चा कराने की मांग की । विपक्षी दलों ने सरकार को रचनात्मक मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग देने का आश्वासन दिया ।



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