रिलायंस अपनी अनुषंगी के सुपुर्द करेगी सिनगैस परियोजना
punjabkesari.in Thursday, Nov 25, 2021 - 08:38 PM (IST)
नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) रिलायंस इंड्स्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) अपनी जामनगर सिनगैस परियोजना को पूर्ण-स्वामित्व वाली अपनी एक अनुषंगी इकाई को हस्तांतरित करेगी।
रिलायंस ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि सिनगैस परियोजना के इस हस्तांतरण से कारोबार के बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के तौर पर नवीकरणीय ऊर्जा की तरफ कदम बढ़ाने में भी रिलायंस को आसानी होगी।
ऊर्जा उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली सिनगैस हाइड्रोजन, कार्बन मोनो-ऑक्साइड और कार्बन डाई-ऑक्साइड के मिश्रण से बनती है। इसे ठोस हाइड्रोकार्बन ईंधन का गैसीकरण कर पैदा किया जाता है।
आरआईएल के मुताबिक, सिनगैस से ईंधन आपूर्ति में विश्वसनीयता पैदा होती है और ऊर्जा की लागत में होने वाली उठापटक भी कम करने में मदद मिलती है। रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी में हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए सिनगैस का इस्तेमाल किया जाता है।
रिलायंस ने कहा कि वह उत्पादों का एक ऐसा पोर्टफोलियो बनाना चाहती है जो पूरी तरह पुनर्चक्रीय, टिकाऊ और शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला हो। उसने उम्मीद जताई है कि उसके कदमों से जामनगर परिसर का कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी।
आरआईएल ने बताया कि उसके निदेशक मंडल ने सिनगैस परियोजना को हस्तांतरित करने की योजना स्वीकृत की है। हालांकि इस योजना को शेयर बाजारों एवं शेयरधारकों के अलावा कुछ नियामकीय मंजूरी भी लेनी होगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
रिलायंस ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि सिनगैस परियोजना के इस हस्तांतरण से कारोबार के बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के तौर पर नवीकरणीय ऊर्जा की तरफ कदम बढ़ाने में भी रिलायंस को आसानी होगी।
ऊर्जा उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली सिनगैस हाइड्रोजन, कार्बन मोनो-ऑक्साइड और कार्बन डाई-ऑक्साइड के मिश्रण से बनती है। इसे ठोस हाइड्रोकार्बन ईंधन का गैसीकरण कर पैदा किया जाता है।
आरआईएल के मुताबिक, सिनगैस से ईंधन आपूर्ति में विश्वसनीयता पैदा होती है और ऊर्जा की लागत में होने वाली उठापटक भी कम करने में मदद मिलती है। रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी में हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए सिनगैस का इस्तेमाल किया जाता है।
रिलायंस ने कहा कि वह उत्पादों का एक ऐसा पोर्टफोलियो बनाना चाहती है जो पूरी तरह पुनर्चक्रीय, टिकाऊ और शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला हो। उसने उम्मीद जताई है कि उसके कदमों से जामनगर परिसर का कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी।
आरआईएल ने बताया कि उसके निदेशक मंडल ने सिनगैस परियोजना को हस्तांतरित करने की योजना स्वीकृत की है। हालांकि इस योजना को शेयर बाजारों एवं शेयरधारकों के अलावा कुछ नियामकीय मंजूरी भी लेनी होगी।
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