त्रिपुरा में पुलिस की कथित हिंसा को लेकर अमित शाह से मिले तृणमूल कांग्रेस के सांसद

punjabkesari.in Tuesday, Nov 23, 2021 - 08:50 AM (IST)

नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और त्रिपुरा में पुलिस पर हिंसा का आरोप लगाया।

गृह मंत्रालय के बाहर सोमवार सुबह से धरने पर बैठे सांसदों को दोपहर में शाह से मिलने का समय दिया गया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें विस्तार से बताया कि कैसे नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है और सांसदों को पीटा जा रहा है। उन्होंने (शाह) हमें बताया कि उन्होंने कल त्रिपुरा के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की थी और हमें आश्वासन दिया कि वह राज्य से रिपोर्ट मांगेंगे।’’
प्रतिनिधिमंडल में सुखेंदु शेखर रॉय, शांतनु सेन, कल्याण बनर्जी, डेरेक ओ ब्रायन, माला रॉय और 11 अन्य सांसद शामिल थे। तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने कहा कि पार्टी ने गृहमंत्री से मिलने के लिए 24 घंटे पहले समय मांगा था, लेकिन घंटों धरने पर बैठने के बाद उन्हें शाह से मिलने के लिए बुलाया गया।

सेन ने कहा, ‘‘शुरुआत में हमें उनसे तीन बातें कहनी थीं, उच्चतम न्यायालय द्वारा सभी विपक्षी दलों को शांतिपूर्ण और सुव्‍यवस्थित तरीके से चुनाव प्रचार करने की अनुमति देने संबंधी राज्य सरकार को दिया गया निर्देश हमपर लागू नहीं हो रहा है। दूसरा, हमने उनसे सायनी घोष मामले पर गौर करने का अनुरोध किया और हमने पार्टी नेताओं के खिलाफ क्रूरता,बर्बरता का भी मुद्दा उठाया।’’
सेन ने कहा कि शाह ने उनसे कहा कि वह इसपर ध्यान देने का प्रयास करेंगे। तृणमूल कांग्रेस की नेता ने कहा, ‘‘30 घंटों के बाद यह स्थिति है।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं।

केन्द्रीय गृहमंत्री और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के बीच मुलाकात होने से पहले तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने शाह पर निशाना साधते हुए कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री ने ‘‘अभी तक शिष्टाचार नहीं दिखाया है’’ और त्रिपुरा हिंसा को लेकर उनसे भेंट करने पहुंचे पार्टी सांसदों से मुलाकात नहीं की है।

ममता बनर्जी ने दिल्ली रवानगी से पहले पत्रकारों से कहा, ‘‘अपने दिल्ली दौरे पर मैं प्रधानमंत्री से मिलूंगी। राज्य से संबंधित विभिन्न मामलों के अलावा, मैं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि के साथ-साथ त्रिपुरा हिंसा से संबंधित मुद्दों को उठाऊंगी।’’
बनर्जी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि मानवाधिकार आयोग पूर्वोत्तर राज्य में क्रूर बलप्रयोग का ‘‘संज्ञान क्यों नहीं ले रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘त्रिपुरा के मुख्यमंत्री (बिप्लब देब) और उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देश की अवहेलना कर रही हैं। उन्हें आम लोगों को जवाब देना होगा। मैं उच्चतर न्यायपालिका से उनकी सरकार के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने की अपील करूंगी।’’
त्रिपुरा पुलिस ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस की नेता सायनी घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने शनिवार रात ‘‘खेला होबे’’ के नारे लगा कर राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब देब की एक बैठक को कथित रूप से बाधित कर दिया था। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था कि घोष को अगरतला के एक पुलिस थाने में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

उच्चतम न्यायालय ने हाल में त्रिपुरा पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के लिए कानून के अनुसार अपने अधिकारों का उपयोग करने से रोका नहीं जाए। तृणमूल कांग्रेस ने बार-बार आरोप लगाया है कि उसके उम्मीदवारों को वहां सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थकों द्वारा प्रचार करने से रोका जा रहा है।



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