केंद्रीय मंत्री ने भूमि दस्तावेज आधुनिकीकरण विषय पर कार्यशाला का किया उद्घाटन
punjabkesari.in Saturday, Nov 20, 2021 - 02:18 PM (IST)
नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को भूमि दस्तावेज के आधुनिकीकरण पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया।
‘भूमि संवाद’- डिजिटल भूमि दस्तावेज आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) में विभिन्न राज्यों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्यों से भूमि प्रबंधन, भूमि अधिग्रहण और ढांचागत परियोजनाओं में सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणाली को अंगीकार करने की अपील की।
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री सिंह ने राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) वेबसाइट और डैशबोर्ड की शुरुआत की।
राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि संसाधन विभाग ने बनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के सर्वोत्तम कार्य प्रणाली के आधार पर राष्ट्रीय भूमि प्रबंधन पुरस्कार-2021 और राज्यों की राष्ट्रीय स्तर की रैकिंग की शुरुआत की है।
विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) के महत्व के बारे में उन्होंने कहा कि यह भूमि पार्सल के लिए आधार की तरह है। इस अनूठी प्रणाली में पार्सल के भूमि- निर्देशांक के आधार पर आईडी तैयार की जाती है और भूखंडों को दी जाती है। ऐसा भूमि दस्तावेज के आधुनिकीकरण के लिए किया गया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
‘भूमि संवाद’- डिजिटल भूमि दस्तावेज आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) में विभिन्न राज्यों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्यों से भूमि प्रबंधन, भूमि अधिग्रहण और ढांचागत परियोजनाओं में सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणाली को अंगीकार करने की अपील की।
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री सिंह ने राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) वेबसाइट और डैशबोर्ड की शुरुआत की।
राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि संसाधन विभाग ने बनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के सर्वोत्तम कार्य प्रणाली के आधार पर राष्ट्रीय भूमि प्रबंधन पुरस्कार-2021 और राज्यों की राष्ट्रीय स्तर की रैकिंग की शुरुआत की है।
विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) के महत्व के बारे में उन्होंने कहा कि यह भूमि पार्सल के लिए आधार की तरह है। इस अनूठी प्रणाली में पार्सल के भूमि- निर्देशांक के आधार पर आईडी तैयार की जाती है और भूखंडों को दी जाती है। ऐसा भूमि दस्तावेज के आधुनिकीकरण के लिए किया गया है।
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