दिल्ली दंगे : अदालत ने पुलिस आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी वाले आदेश पर रोक लगायी
punjabkesari.in Monday, Oct 25, 2021 - 07:28 PM (IST)
नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस आयुक्त से स्पष्टीकरण मांगने वाला एक आदेश सोमवार को निरस्त कर दिया।
फरवरी 2020 में हुए दंगों से जुड़ी रिपोर्ट नहीं सौंपने को लेकर अदालत ने पुलिस आयुक्त से पूछा था कि उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।
जिला और सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार ने 21 अक्टूबर के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग के आदेश के संबंध में दिल्ली पुलिस पुनरीक्षण याचिका पर यह निर्देश दिए। गर्ग ने अपने इस आदेश में दिल्ली के पुलिस आयुक्त को बहुत फटकार लगायी थी।
मजिस्ट्रेट ने केन्द्रीय गृह सचिव के माध्यम से दिल्ली के पुलिस आयुक्त से जानना चाहा था कि 25 सितंबर के आदेश के अनुरूप अदालत में रिपोर्ट नहीं सौंपने के लिए उनके खिलाफ कानून के तहत उचित कार्रवाई क्यों ना की जाए।
यह आदेश निरस्त करते हुए सत्र न्यायाधीश ने कहा, ‘‘21 अक्टूबर के आदेश के बारे में पुनरीक्षण फाइल के अवलोकन से पता चला कि इस अदालत ने 21 अक्टूबर को 25 सितंबर के आदेश के अमल पर रोक लगा थी और इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि निचली अदालत द्वारा बाद में 21 अक्टूबर के आदेश में दिये गए निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया क्योंकि निश्चित ही ऐसा रोक लगाने के आदेश के बाद किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप उक्त आदेश के तहत दिये गये निर्देश अनावश्यक थे।
न्यायाधीश ने निर्देश दिया, ‘‘तद्नुसार 21 अक्टूबर को निचली अदालत द्वारा पारित आदेश निरस्त किया जाता है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
फरवरी 2020 में हुए दंगों से जुड़ी रिपोर्ट नहीं सौंपने को लेकर अदालत ने पुलिस आयुक्त से पूछा था कि उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।
जिला और सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार ने 21 अक्टूबर के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग के आदेश के संबंध में दिल्ली पुलिस पुनरीक्षण याचिका पर यह निर्देश दिए। गर्ग ने अपने इस आदेश में दिल्ली के पुलिस आयुक्त को बहुत फटकार लगायी थी।
मजिस्ट्रेट ने केन्द्रीय गृह सचिव के माध्यम से दिल्ली के पुलिस आयुक्त से जानना चाहा था कि 25 सितंबर के आदेश के अनुरूप अदालत में रिपोर्ट नहीं सौंपने के लिए उनके खिलाफ कानून के तहत उचित कार्रवाई क्यों ना की जाए।
यह आदेश निरस्त करते हुए सत्र न्यायाधीश ने कहा, ‘‘21 अक्टूबर के आदेश के बारे में पुनरीक्षण फाइल के अवलोकन से पता चला कि इस अदालत ने 21 अक्टूबर को 25 सितंबर के आदेश के अमल पर रोक लगा थी और इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि निचली अदालत द्वारा बाद में 21 अक्टूबर के आदेश में दिये गए निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया क्योंकि निश्चित ही ऐसा रोक लगाने के आदेश के बाद किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप उक्त आदेश के तहत दिये गये निर्देश अनावश्यक थे।
न्यायाधीश ने निर्देश दिया, ‘‘तद्नुसार 21 अक्टूबर को निचली अदालत द्वारा पारित आदेश निरस्त किया जाता है।’’
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