फसल अवशेष जलाने से जुड़े उत्सर्जन के मामले में भारत विश्व में शीर्ष स्थान पर : रिपोर्ट
punjabkesari.in Tuesday, Oct 19, 2021 - 10:38 PM (IST)
नयी दिल्ली,19 अक्टूबर (भाषा) भारत फसल अवशेष जलाने से जुड़े उत्सर्जन में शीर्ष स्थान पर है। जलवायु प्रौद्योगिकी स्टार्टअप ब्लू स्काई एनालिटिक्स द्वारा जारी एक नयी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
इसके मुताबिक भारत, 2015 से 2020 की अवधि के दौरान कुल वैश्विक उत्सर्जन के 13 फीसदी हिस्से के लिए जिम्मेदार है।
ब्लू स्काई एनालिटिक्स की स्थापना भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के एक पूर्व छात्र ने की है। स्टार्टअप ने 2020 में फसल अवशेष जलाने से होने वाले उत्सर्जन के 12.2 प्रतिशत हिस्से के लिए भारत के जिम्मेदार रहने का जिक्र किया है।
रिपोर्ट में उपलब्ध आंकड़ों से भारत में वन और फसल अवशेषों के जीवाश्मों को जलाये जाने की हालिया प्रवृत्ति के बारे में नयी चीजों का पता चलता है। उदाहरण के तौर पर आंकड़ों से यह सत्यापित होता है कि 2016 से 2019 के बीच फसल अवशेष को जलाने की प्रवृत्ति में कमी आई। इसके लिए इस अवधि के दौरान फसल अवशेष आग में 11.39 प्रतिशत तक कमी आने का जिक्र किया गया है।
हालांकि, इसमें 2019-20 में उत्सर्जन में 12.8 प्रतिशत वृद्धि होने का भी जिक्र किया गया है, जिससे भारत की वैश्विक हिस्सेदारी बढ़ कर 12.2 प्रतिशत हो जाती है।
ब्लू स्काई एनालिटिक्स, वैश्विक गठबंधन क्लाइमेट ट्रेस का भी हिस्सा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इसके मुताबिक भारत, 2015 से 2020 की अवधि के दौरान कुल वैश्विक उत्सर्जन के 13 फीसदी हिस्से के लिए जिम्मेदार है।
ब्लू स्काई एनालिटिक्स की स्थापना भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के एक पूर्व छात्र ने की है। स्टार्टअप ने 2020 में फसल अवशेष जलाने से होने वाले उत्सर्जन के 12.2 प्रतिशत हिस्से के लिए भारत के जिम्मेदार रहने का जिक्र किया है।
रिपोर्ट में उपलब्ध आंकड़ों से भारत में वन और फसल अवशेषों के जीवाश्मों को जलाये जाने की हालिया प्रवृत्ति के बारे में नयी चीजों का पता चलता है। उदाहरण के तौर पर आंकड़ों से यह सत्यापित होता है कि 2016 से 2019 के बीच फसल अवशेष को जलाने की प्रवृत्ति में कमी आई। इसके लिए इस अवधि के दौरान फसल अवशेष आग में 11.39 प्रतिशत तक कमी आने का जिक्र किया गया है।
हालांकि, इसमें 2019-20 में उत्सर्जन में 12.8 प्रतिशत वृद्धि होने का भी जिक्र किया गया है, जिससे भारत की वैश्विक हिस्सेदारी बढ़ कर 12.2 प्रतिशत हो जाती है।
ब्लू स्काई एनालिटिक्स, वैश्विक गठबंधन क्लाइमेट ट्रेस का भी हिस्सा है।
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