मोदी और जॉनसन ने अफगानिस्तान, टीका मुद्दे, जलवायु सम्मेलन पर चर्चा की

punjabkesari.in Monday, Oct 11, 2021 - 09:00 PM (IST)

नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन ने सोमवार को अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने चरमपंथ तथा आतंकवाद के साथ-साथ महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के मुद्दों पर एक आम अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।

मोदी और जॉनसन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद, ब्रिटिश सरकार ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति के बारे में बात की और तालिबान के साथ बातचीत के लिए एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि ब्रिटेन द्वारा भारतीय टीके को मान्यता दिये जाने का कदम स्वागत योग्य है।
ब्रिटेन ने चार दिन पहले घोषणा की थी कि उन भारतीय यात्रियों, जिन्होंने कोविशील्ड की दोनों खुराक या इसके द्वारा अनुमोदित किसी अन्य टीके की सभी खुराक लगवाई होंगी, उन्हें 11 अक्टूबर से आगमन पर दस दिन के पृथक-वास में रहने की आवश्यकता नहीं होगी।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा, ‘‘नेताओं ने क्षेत्रीय विकास, विशेष रूप से अफगानिस्तान की स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। इस संदर्भ में, वे उग्रवाद और आतंकवाद के साथ-साथ महिलाओं और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों और अधिकारों से संबंधित मुद्दों पर एक आम अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता पर सहमत हुए।’’
मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने इस साल की शुरुआत में अपने डिजिटल शिखर सम्मेलन के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की, और ‘रोडमैप 2030’ के तहत पहले से शुरू किए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया।

बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने व्यापार साझेदारी की प्रगति की भी समीक्षा की और दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों के तेजी से विस्तार की संभावना पर सहमति व्यक्त की।’’
मंत्रालय ने कहा कि नेताओं ने नवंबर की शुरुआत में ग्लासगो में आगामी कॉप-26 बैठक के संदर्भ में जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों पर व्यापक चर्चा की और मोदी ने जलवायु कार्यवाही के लिए भारत की प्रतिबद्धता से अवगत कराया जैसा कि अक्षय ऊर्जा के विस्तार के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य और हाल में घोषित राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में देखा गया है।
‘रोडमैप 2030’ पर मई में आयोजित हुए एक डिजिटल शिखर सम्मेलन में जॉनसन और मोदी द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी। रोडमैप का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाना और अगले दशक में व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और लोगों से लोगों के बीच संपर्क के प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग का मार्गदर्शन करना है।

ब्रिटेन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने कोरोना वायरस के खिलाफ साझा लड़ाई और अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सावधानीपूर्वक खोलने के महत्व पर चर्चा की।
इसमें कहा गया है, ‘‘नेताओं ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति के बारे में भी बात की। वे तालिबान के साथ एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर सहमत हुए और उन्होंने देश में मानवाधिकारों को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में, दोनों नेताओं ने एक व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति का स्वागत किया और ‘यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप’ की यात्रा को दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के संकेत के रूप में भी रेखांकित किया।

इसके बाद मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बात करके खुशी हुई। हमने भारत-ब्रिटेन एजेंडा 2030 की प्रगति की समीक्षा की, जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई और ग्लासगो में होने वाले कॉप-26 को लेकर भी बात हुई। इसके अलावा अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार साझा किए। ’’
ब्रिटेन द्वारा जारी बयान के अनुसार, जॉनसन ने आगामी कॉप 26 शिखर सम्मेलन से पहले जलवायु परिवर्तन पर ठोस प्रगति करने के महत्व को रेखांकित किया।



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