उपराष्ट्रपति नायडू ने लोगों से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़ने की अपील की
Thursday, Sep 30, 2021 - 09:15 PM (IST)
नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को लोगों से अनुरोध किया कि वे आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में अपना पंजीकरण कराने के लिये आगे आएं और इस “ऐतिहासिक सुधार” का फायदा उठाएं।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र के इतिहास में एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए नायडू ने कहा कि यह भारतीय नागरिकों को विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान और डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड प्रदान करेगा जो डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं की मदद करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में पूरे देश के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। इसमें प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी बनाना शामिल है।
उपराष्ट्रपति ने यह टिप्पणी भारत में अपनी तरह की पहली राष्ट्रीय समर्पित स्तन कैंसर और स्तन रोग हेल्पलाइन के शुभारंभ के अवसर पर की।
हेल्पलाइन पर कॉल करने वालों को एक-के-बाद-एक बिना पहचान जाहिर किए सहायता के लिए प्रशिक्षित परामर्शदाताओं को शामिल करने की सराहना करते हुए, नायडू ने कहा कि परामर्श समूची कैंसर उपचार व्यवस्था या किसी अन्य जान के जोखिम वाली बीमारी का एक अविभाज्य हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि कैंसर से सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बड़ा असर पड़ता है।
उपराष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, उन्होंने कहा, “परामर्शदाता रोगियों को बीमारी से हौसले के साथ लड़ने के लिए प्रेरित करने में मदद कर सकते हैं।”
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र के इतिहास में एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए नायडू ने कहा कि यह भारतीय नागरिकों को विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान और डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड प्रदान करेगा जो डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं की मदद करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में पूरे देश के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। इसमें प्रत्येक नागरिक के लिए एक विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी बनाना शामिल है।
उपराष्ट्रपति ने यह टिप्पणी भारत में अपनी तरह की पहली राष्ट्रीय समर्पित स्तन कैंसर और स्तन रोग हेल्पलाइन के शुभारंभ के अवसर पर की।
हेल्पलाइन पर कॉल करने वालों को एक-के-बाद-एक बिना पहचान जाहिर किए सहायता के लिए प्रशिक्षित परामर्शदाताओं को शामिल करने की सराहना करते हुए, नायडू ने कहा कि परामर्श समूची कैंसर उपचार व्यवस्था या किसी अन्य जान के जोखिम वाली बीमारी का एक अविभाज्य हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि कैंसर से सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बड़ा असर पड़ता है।
उपराष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, उन्होंने कहा, “परामर्शदाता रोगियों को बीमारी से हौसले के साथ लड़ने के लिए प्रेरित करने में मदद कर सकते हैं।”
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