सिद्धू को मनाने के प्रयास जारी, चन्नी ने मुद्दों को सुलझाने के लिए वार्ता की पेशकश की

punjabkesari.in Thursday, Sep 30, 2021 - 09:42 AM (IST)

चंडीगढ़, 29 सितंबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू से बुधवार को टेलीफोन पर बातचीत की और मुद्दों को सुलझाने के लिए वार्ता की पेशकश की। एक दिन पहले सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

इस बीच सिद्धू को मनाने के प्रयास जारी हैं और मंत्रियों परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग सहित कई नेताओं ने पटियाला में उनके आवास पर उनसे मुलाकात की।

उन्होंने सिद्धू से पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करने का आग्रह किया।
चन्नी ने यह भी कहा कि पार्टी सर्वोपरि है और सरकार पार्टी की विचारधारा का अनुसरण करती है।

उन्होंने कैबिनेट बैठक से अलग संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने आज टेलीफोन पर सिद्धू साहब से बात की। पार्टी सर्वोपरि है और सरकार पार्टी की विचारधारा को स्वीकार कर उसका अनुसरण करती है। (मैंने उनसे कहा कि) आपको आना चाहिए और बैठकर बात करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपको (सिद्धू) को कुछ गलत लगता है तो आप उस बारे में बता सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘(प्रदेश) अध्यक्ष पार्टी का प्रमुख होता है। प्रमुख को परिवार के बीच बैठना चाहिए।’’
सिद्धू ने इस्तीफा देकर कांग्रेस में नया संकट पैदा कर दिया। उन्होंने बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता तथा ‘‘दागी’’ नेताओं की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए।

बहरहाल, चन्नी ने नियुक्तियों का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी सदस्यों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर काम किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई आपत्ति नहीं है या किसी बात को लेकर कोई अहंकार नहीं है।’’ मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि वह निर्णयों की समीक्षा करने के लिए तैयार हैं।

वार्ता के मुद्दे पर सिद्धू की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चन्नी ने कहा कि उन्होंने (सिद्धू ने) कहा कि वह मिलने के लिए समय देंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके साथ बैठेंगे और बात करेंगे।’’
एक सवाल के जवाब में चन्नी ने कहा कि मंत्री परगट सिंह और कुछ अन्य नेता सिद्धू से मिलने गए थे। यह पूछने पर कि क्या सिद्धू ने ठीक किया है, तो चन्नी ने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

चन्नी ने कहा कि अदालतों में मुकदमा लड़ने के लिए सरकार विशेष लोक अभियोजक के मातहत एक टीम का गठन करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम विशेष अभियोजक और दस सदस्यों की एक टीम बना रहे हैं और यह हमारे (राज्य सरकार) के महत्वपूर्ण मामलों को देखेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा। इसलिए लोगों को मुझ पर संदेह नहीं करना चाहिए। हर काम पारदर्शी होगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें सहयोगियों और दूसरे लोगों से जो फीडबैक मिला और जिन्हें नियुक्त किया जा सकता था उन्हें हमने नियुक्त किया। लेकिन पंजाब के लोगों की इच्छा के मुताबिक निर्णय किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों पर हम लड़ रहे थे उनसे कभी भी पीछे नहीं हटेंगे। उनका इशारा 2015 के बेअदबी के मामलों में न्याय हासिल करने की तरफ था।

इस बीच पार्टी के नेता परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, फतेह जंग बाजवा, इंदरबीर सिंह बोलारिया, सुरजीत धीमान और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पवन गोयल ने पटियाला में सिद्धू के आवास पर उनसे मुलाकात की।

इस्तीफा देने के बाद से सिद्धू अपने घर पर ही हैं।

अमृतसर-पूर्व से विधायक सिद्धू अपनी बात पर अड़े हुए हैं और उन्होंने पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता और ‘‘दागी’’ नेताओं की नियुक्तियों पर सवाल उठाए।

अमृतसर-दक्षिण से विधायक इंदरबीर सिंह बोलारिया ने कहा कि सिद्धू उनके बड़े भाई की तरह हैं और वह उनसे मिलने आए हैं।

उन्होंने कहा कि सिद्धू द्वारा उठाए गए मुद्दों को कांग्रेस आलाकमान को देखना चाहिए।

विधायक फतेह जंग बाजवा ने कहा कि क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू बेबाक व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज शाम तक हर चीज ठीक हो जाएगी। सभी मुद्दों का समाधान हो जाएगा।’’
इससे पहले मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली ने कहा कि सिद्धू के इस कदम से पार्टी को नुकसान होगा।

यह पूछने पर कि क्या सिद्धू के कदम से पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है तो कोटली ने कहा कि इससे गलत संदेश गया है। उन्होंने कहा कि सिद्धू मजबूत व्यक्ति हैं और लोगों को उनसे उम्मीद है।

मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने कहा कि सिद्धू का जो भी मुद्दा है उसका समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम पार्टी को अपनी मां और ‘धर्म’ समझते हैं और अगर हम इस तरह के कदम उठाते हैं तो कहीं न कहीं पार्टी को नुकसान होगा ही।’’


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