इंडिगो ने कहा, प्रवर्तकों के विवाद से संबंधित मध्यस्थता आदेश में कंपनी को कोई निर्देश नहीं
Saturday, Sep 25, 2021 - 03:46 PM (IST)
नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) विमानन कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने कहा कि लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ने इंडिगो के प्रवर्तकों राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल के बीच विवाद से संबंधित मामले में अंतिम मध्यस्थता आदेश दिया है और इस संबंध में कंपनी को कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।
इंटरग्लोब एविएशन देश की सबसे बड़ी विमानन सेवा इंडिगो की स्वामी है।
इंटरग्लोब एविएशन ने शेयर बाजार को बताया कि मध्यस्थता कार्यवाही में 23 सितंबर को अंतिम मध्यस्थ फैसला जारी किया गया, जिसमें कंपनी को प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया था।
यह कार्रवाई इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आईजीई) और भाटिया ने गंगवाल, चिंकरपू फैमिली ट्रस्ट और शोभा गंगवाल (आरजी ग्रुप) के खिलाफ शुरू की थी।
इंटरग्लोब एविएशन ने शुक्रवार को कहा कि आदेश में कंपनी को कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। आदेश ने एजी समूह और आईजीई समूह को एक-दूसरे के खिलाफ राहत की मांग के संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
आदेश के बारे में विशिष्ट विवरण का पता नहीं चल सका है।
गंगवाल ने जुलाई, 2019 में बाजार नियामक सेबी को पत्र लिखकर कंपनी में कॉरपोरेट प्रशासन से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी, जिसके बाद प्रवर्तकों के बीच मतभेद सार्वजनिक हो गए। भाटिया के आईजीई ग्रुप ने आरोपों को खारिज किया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इंटरग्लोब एविएशन देश की सबसे बड़ी विमानन सेवा इंडिगो की स्वामी है।
इंटरग्लोब एविएशन ने शेयर बाजार को बताया कि मध्यस्थता कार्यवाही में 23 सितंबर को अंतिम मध्यस्थ फैसला जारी किया गया, जिसमें कंपनी को प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया था।
यह कार्रवाई इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आईजीई) और भाटिया ने गंगवाल, चिंकरपू फैमिली ट्रस्ट और शोभा गंगवाल (आरजी ग्रुप) के खिलाफ शुरू की थी।
इंटरग्लोब एविएशन ने शुक्रवार को कहा कि आदेश में कंपनी को कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। आदेश ने एजी समूह और आईजीई समूह को एक-दूसरे के खिलाफ राहत की मांग के संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
आदेश के बारे में विशिष्ट विवरण का पता नहीं चल सका है।
गंगवाल ने जुलाई, 2019 में बाजार नियामक सेबी को पत्र लिखकर कंपनी में कॉरपोरेट प्रशासन से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी, जिसके बाद प्रवर्तकों के बीच मतभेद सार्वजनिक हो गए। भाटिया के आईजीई ग्रुप ने आरोपों को खारिज किया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।