न्यायालय ने कबूतर चोरी के दौरान हुई हत्या के दोषी की सजा कम की

punjabkesari.in Wednesday, Sep 22, 2021 - 10:19 AM (IST)

नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कबूतर चोरी को लेकर हुई हत्या के मामले में दोषी को दी गई 12 साल की सजा को कम कर दिया। अदालत ने कहा कि घटना अचानक हुई और यह पूर्व नियोजित नहीं थी।

न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने इस मामले में उस व्यक्ति को आईपीसी के 304 भाग एक (लापरवाही के कारण मौत) के तहत सुनाई गई सजा के खिलाफ एक व्यक्ति द्वारा दाखिल अपील को स्वीकार कर सजा की अवधि घटाकर सात साल कर दी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि सबूतों और रिकॉर्ड में रखी गई अन्य सामग्री से यह स्पष्ट है कि दोषी का उस व्यक्ति को मारने का कोई इरादा नहीं था।

पीठ ने कहा, ''''रिकॉर्ड में मौजूद साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि हाथापाई क्षण भर के लिए हुई थी जो गर्मागर्मी के चलते लड़ाई में बदल गई।''''
अदालत ने कहा, ''''यह एक पूर्व नियोजित वारदात नहीं थी और चूंकि अपीलकर्ता तथा सह-अभियुक्त का इस तरह शारीरिक चोट पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था, जो मौत का कारण बने या जिससे मृत्यु होने की संभावना हो। इसलिये उच्च न्यायालय को अपीलकर्ता को आईपीसी की धारा 304 भाग एक (लापरवाही के कारण) के तहत अपराध का दोषी नहीं ठहराना चाहिए था।''''
अभियोजन पक्ष के अनुसार शंबर सिंह नामक एक व्यक्ति ने काला सिंह का कबूतर चुरा लिया था, जिसके चलते दोनों के बीच अचानक झगड़ा हो गया। इस दौरान केहर सिंह नामक व्यक्ति ने शंबर के सिर पर डंडा मार दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
अभियोजन ने आरोप लगाया गया कि इसके बाद आरोपी काला सिंह और सह-आरोपी केहर सिंह ने मृतक शंबर सिंह के शव को नहर में फेंक दिया।


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PTI News Agency

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