चक्करपुर गांव में आईओसी ने कोई निर्माण नहीं किया : गुरुग्राम प्रशासन ने एनजीटी को बताया
punjabkesari.in Wednesday, Sep 22, 2021 - 10:18 AM (IST)
नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) गुरुग्राम प्रशासन ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को बताया है कि चक्करपुर गांव में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लि. (आईओसीएल) ने किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया है और उसने इसने कानून के उल्लंघन में गैर-वन उद्देश्यों के लिए गैस एवं तेल क्षेत्र के इस उपक्रम को कोई अनापत्ति पत्र (एनओसी) जारी नहीं किया है।
गुरुग्राम के उपायुक्त द्वारा दायर रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई, जिन्होंने एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि चक्करपुर गांव का प्रस्तावित क्षेत्र खसरा संख्या 611/4 अरावली क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इसे वन्य भूमि माना जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला प्रशासन ने बताया कि उसने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) को कोई एनओसी जारी नहीं किया है और आईओसीएल द्वारा उक्त परिसर में किसी भी प्रकार का कोई निर्माण नहीं किया गया है। तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वर्तमान में किसी कार्रवाई की आवश्यकता प्रतीत नहीं हो रही है।
रिपोर्ट की सामग्री के मद्देनजर एनजीटी ने अपने 17 सितंबर के आदेश में याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि इस स्तर पर कोई और आदेश आवश्यक नहीं है। मानव आवाज ट्रस्ट के ट्रस्टी अभय जैन के माध्यम से दायर एक याचिका के जवाब में यह रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। याचिका में कानून का उल्लंघन कर गैर-वन उद्देश्यों के लिए वन भूमि के हस्तांतरण का आरोप लगाया गया है।
याचिकाकर्ता के अनुसार हरियाणा सरकार ने खसरा नं. 611/4 ग्राम चक्करपुर, गुरुग्राम में आईओसीएल को 1500 वर्गमीटर की भूमि आवंटित की है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
गुरुग्राम के उपायुक्त द्वारा दायर रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई, जिन्होंने एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि चक्करपुर गांव का प्रस्तावित क्षेत्र खसरा संख्या 611/4 अरावली क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इसे वन्य भूमि माना जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला प्रशासन ने बताया कि उसने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) को कोई एनओसी जारी नहीं किया है और आईओसीएल द्वारा उक्त परिसर में किसी भी प्रकार का कोई निर्माण नहीं किया गया है। तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वर्तमान में किसी कार्रवाई की आवश्यकता प्रतीत नहीं हो रही है।
रिपोर्ट की सामग्री के मद्देनजर एनजीटी ने अपने 17 सितंबर के आदेश में याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि इस स्तर पर कोई और आदेश आवश्यक नहीं है। मानव आवाज ट्रस्ट के ट्रस्टी अभय जैन के माध्यम से दायर एक याचिका के जवाब में यह रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। याचिका में कानून का उल्लंघन कर गैर-वन उद्देश्यों के लिए वन भूमि के हस्तांतरण का आरोप लगाया गया है।
याचिकाकर्ता के अनुसार हरियाणा सरकार ने खसरा नं. 611/4 ग्राम चक्करपुर, गुरुग्राम में आईओसीएल को 1500 वर्गमीटर की भूमि आवंटित की है।
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