कृषि कानूनों के एक साल पूरे होने पर आम आदमी पार्टी ने ''''काला दिवस'''' मनाया
punjabkesari.in Saturday, Sep 18, 2021 - 09:13 AM (IST)
चंडीगढ़, 17 सितंबर (भाषा) पंजाब के मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) ने तीन कृषि कानूनों के पारित होने के एक साल पूरा होने पर शुक्रवार को ''काला दिवस'' मनाया।
पार्टी ने बठिंडा, मनसा, संगरूर, बरनाला, पठानकोट, फिरोजपुर, जालंधर, अमृतसर और होशियारपुर सहित राज्य भर के जिलों में कैंडल मार्च निकालकर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी।
आप विधायक कुलतार सिंह संधवान ने यहां एक बयान में कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए ''''काले कृषि कानूनों'''' से देशभर के किसान ''''नाराज'''' हैं। उन्होंने कहा कि किसान पिछले कई महीनों से इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 17 सितंबर, 2020 को तीन ''''काले'''' कृषि विधेयक संसद में पारित किए गए।
आप नेता ने मांग की कि आंदोलन के दौरान मारे गए प्रत्येक किसान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए और किसी भी बकाया ऋण को माफ किया जाना चाहिए।
लगभग 200-250 परिवारों के प्रत्येक सदस्य को नौकरी देने की पंजाब सरकार की नीति पर असंतोष व्यक्त करते हुए संधवान ने संख्या को बहुत कम बताया।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को किसान संगठनों से सही आंकड़े प्राप्त करने चाहिये, जिससे करीब 650 परिवारों को नीति के तहत लाभ मिल सके।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पार्टी ने बठिंडा, मनसा, संगरूर, बरनाला, पठानकोट, फिरोजपुर, जालंधर, अमृतसर और होशियारपुर सहित राज्य भर के जिलों में कैंडल मार्च निकालकर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी।
आप विधायक कुलतार सिंह संधवान ने यहां एक बयान में कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए ''''काले कृषि कानूनों'''' से देशभर के किसान ''''नाराज'''' हैं। उन्होंने कहा कि किसान पिछले कई महीनों से इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 17 सितंबर, 2020 को तीन ''''काले'''' कृषि विधेयक संसद में पारित किए गए।
आप नेता ने मांग की कि आंदोलन के दौरान मारे गए प्रत्येक किसान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए और किसी भी बकाया ऋण को माफ किया जाना चाहिए।
लगभग 200-250 परिवारों के प्रत्येक सदस्य को नौकरी देने की पंजाब सरकार की नीति पर असंतोष व्यक्त करते हुए संधवान ने संख्या को बहुत कम बताया।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को किसान संगठनों से सही आंकड़े प्राप्त करने चाहिये, जिससे करीब 650 परिवारों को नीति के तहत लाभ मिल सके।
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