आप विधायक के नवजोत सिद्धू को ‘पंजाब की सियासत का राखी सावंत’ कहने पर विवाद
punjabkesari.in Saturday, Sep 18, 2021 - 09:08 AM (IST)
नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) विधायक राघव चड्ढा ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना पर “पंजाब की राजनीति का राखी सावंत” कहा। इसके बाद इस “नारीद्वेषी” टिप्पणी के लिये सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना होने लगी।।
सिद्धू के “केंद्र के कृषि कानूनों को अधिसूचित” करने के लिये दिल्ली सरकार की आलोचना वाले एक वीडियो को ट्विटर पर अपनी पोस्ट के साथ संलग्न करते हुए चड्ढा ने ट्वीट किया, “पंजाब की सियासत के राखी सावंत- नवजोत सिंह सिद्धू को कैप्टन के खिलाफ लगातार बोलने के लिये कांग्रेस आला कमान से डांट पड़ी है। इसलिए आज, बदलाव के लिये, वह अरविंद केजरीवाल के पीछे पड़ गए। कल तक इंतजार कीजिए क्योंकि वह फिर से जोश के साथ कैप्टन के खिलाफ आरोप वाले बयान देंगे।”
सिद्धू ने वीडियो में कहा था, “किसानों का शोषण और उन फसलों पर भी कम कीमतें जहां एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की घोषणा की गई है-अरविंद केजरीवाल आपने निजी मंडी के केंद्रीय काले कानून को अधिसूचित किया! क्या इस अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है या बहाना अब भी चल रहा है?”
चड्ढा के ट्वीट के फौरन बाद माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर राखी सावंत ‘ट्रेंड’ (साइट पर सुर्खियों में आ गईं) करने लगीं और इंटरनेट उपयोगकर्ता उनके समर्थन में आ गए और इस तुलना के लिये आप नेता की निंदा की।
आप की पूर्व सदस्य और फिलहाल कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि चड्ढा की टिप्पणी महिलाओं के प्रति दिल्ली में सत्ताधारी आप की मानसिकता दर्शाती है और उन्होंने इसकी तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सोच से की।
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “राखी सावंत- सबसे परिश्रमी जो अपने हर काम को शत प्रतिशत निष्ठा व प्रयास के साथ करती हैं, एक नीरस फ्लॉप शो को भी मनोरंजक बना देती हैं...।”
एक अन्य उपयोगकर्ता ने लिखा, “राखी सावंत होने में क्या गलत है जो आप उनका इस्तेमाल अपमान के लिये कर रहे हैं? ये घाघ संघी अपनी सच्चाई छिपाने के लिये कितने भी प्रयास कर लें, यह कभी-कभी बाहर आ ही जाती है।”
ट्विटर का उपयोग करने वाले एक अन्य शख्स ने लिखा, “अपनी राजनीतिक लड़ाई में महिला का नाम क्यों घसीटना है?” एक अन्य उपयोगकर्ता ने कहा, “नारीद्वेषियों का भारतीय सियासत में दबदबा बरकरार है। किसी महिला का नाम घसीटे बगैर विरोधी की आलोचना नहीं की जा सकती। आपको शर्म आनी चाहिए राघव।”
इस बीच सिद्धू ने चड्ढा पर पलटवार करते हुए कहा कि आप नेता ने अब तक उनके सवाल का जवाब नहीं दिया है।
उन्होंने कहा, “कहते हैं कि इंसान का विकास कपिमानवों और वानरों से हुआ है, आपके दिमाग को देखते हुए राघव चड्ढा मेरा मानना है कि आपका विकास अब भी हो रहा है। आपने अब तक, कृषि कानूनों को आपकी सरकार द्वारा अधिसूचित किए जाने को लेकर किए गए मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया।”
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सिद्धू के “केंद्र के कृषि कानूनों को अधिसूचित” करने के लिये दिल्ली सरकार की आलोचना वाले एक वीडियो को ट्विटर पर अपनी पोस्ट के साथ संलग्न करते हुए चड्ढा ने ट्वीट किया, “पंजाब की सियासत के राखी सावंत- नवजोत सिंह सिद्धू को कैप्टन के खिलाफ लगातार बोलने के लिये कांग्रेस आला कमान से डांट पड़ी है। इसलिए आज, बदलाव के लिये, वह अरविंद केजरीवाल के पीछे पड़ गए। कल तक इंतजार कीजिए क्योंकि वह फिर से जोश के साथ कैप्टन के खिलाफ आरोप वाले बयान देंगे।”
सिद्धू ने वीडियो में कहा था, “किसानों का शोषण और उन फसलों पर भी कम कीमतें जहां एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की घोषणा की गई है-अरविंद केजरीवाल आपने निजी मंडी के केंद्रीय काले कानून को अधिसूचित किया! क्या इस अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है या बहाना अब भी चल रहा है?”
चड्ढा के ट्वीट के फौरन बाद माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर राखी सावंत ‘ट्रेंड’ (साइट पर सुर्खियों में आ गईं) करने लगीं और इंटरनेट उपयोगकर्ता उनके समर्थन में आ गए और इस तुलना के लिये आप नेता की निंदा की।
आप की पूर्व सदस्य और फिलहाल कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि चड्ढा की टिप्पणी महिलाओं के प्रति दिल्ली में सत्ताधारी आप की मानसिकता दर्शाती है और उन्होंने इसकी तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सोच से की।
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “राखी सावंत- सबसे परिश्रमी जो अपने हर काम को शत प्रतिशत निष्ठा व प्रयास के साथ करती हैं, एक नीरस फ्लॉप शो को भी मनोरंजक बना देती हैं...।”
एक अन्य उपयोगकर्ता ने लिखा, “राखी सावंत होने में क्या गलत है जो आप उनका इस्तेमाल अपमान के लिये कर रहे हैं? ये घाघ संघी अपनी सच्चाई छिपाने के लिये कितने भी प्रयास कर लें, यह कभी-कभी बाहर आ ही जाती है।”
ट्विटर का उपयोग करने वाले एक अन्य शख्स ने लिखा, “अपनी राजनीतिक लड़ाई में महिला का नाम क्यों घसीटना है?” एक अन्य उपयोगकर्ता ने कहा, “नारीद्वेषियों का भारतीय सियासत में दबदबा बरकरार है। किसी महिला का नाम घसीटे बगैर विरोधी की आलोचना नहीं की जा सकती। आपको शर्म आनी चाहिए राघव।”
इस बीच सिद्धू ने चड्ढा पर पलटवार करते हुए कहा कि आप नेता ने अब तक उनके सवाल का जवाब नहीं दिया है।
उन्होंने कहा, “कहते हैं कि इंसान का विकास कपिमानवों और वानरों से हुआ है, आपके दिमाग को देखते हुए राघव चड्ढा मेरा मानना है कि आपका विकास अब भी हो रहा है। आपने अब तक, कृषि कानूनों को आपकी सरकार द्वारा अधिसूचित किए जाने को लेकर किए गए मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया।”
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।