गणतंत्र दिवस हिंसा: अदालत ने गैंगस्टर लक्खा सिधाना को अग्रिम जमानत दी
punjabkesari.in Saturday, Sep 18, 2021 - 09:08 AM (IST)
नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने गैंगस्टर लक्खा सिधाना को इस साल गणतंत्र दिवस पर किसानों की विरोध रैली के दौरान पुलिसकर्मियों की हत्या का प्रयास करने और अवरोधकों को तोड़ने के लिए भीड़ को उकसाने के आरोपों से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को अग्रिम जमानत दे दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जगदीश कुमार ने जांच में सिधाना के सहयोग करने और यहां 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा की साजिश रचने से जुड़े एक मामले में जमानत मिले होने का जिक्र करते हुए उसे राहत प्रदान की।
अदालत ने आरोपी को इस शर्त पर अग्रिम जमानत दी है कि वह कभी भी जरूरत पड़ने पर जांच में शामिल होगा और किसी भी तरह से गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा।
हालांकि, सुनवाई के दौरान विशेष सरकारी वकील मधुकर पांडे ने जमानत का विरेाध करते हुए अदालत को बताया कि सिधाना गैरकानूनी रूप से एकत्र हुई भीड़ का हिस्सा था, जिसने कुछ पुलिस अधिकारियों को जान से मारने की कोशिश की थी और भीड़ को अवरोधकों को तोड़ने के लिए उकसाया था।
उन्होंने कहा कि सिधाना हत्या और हत्या की कोशिश सहित 20 जघन्य मामलों में भी संलिप्त है।
वहीं, अधिवक्ता जसप्रीत सिंह और जसदीप सिंह ढिल्लन के साथ सिधाना का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल का नाम प्राथमिकी में नहीं है और पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
वकील ने कहा कि सिधाना ने यह दलील देते हुए अदालत का रुख किया था कि उसे गिरफ्तार किया जा सकता है क्योंकि उसके चचेरे भाई गुरदीप सिंह को दिल्ली पुलिस ने अगवा कर लिया था और प्रताड़ित किया था तथा सादे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जगदीश कुमार ने जांच में सिधाना के सहयोग करने और यहां 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा की साजिश रचने से जुड़े एक मामले में जमानत मिले होने का जिक्र करते हुए उसे राहत प्रदान की।
अदालत ने आरोपी को इस शर्त पर अग्रिम जमानत दी है कि वह कभी भी जरूरत पड़ने पर जांच में शामिल होगा और किसी भी तरह से गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा।
हालांकि, सुनवाई के दौरान विशेष सरकारी वकील मधुकर पांडे ने जमानत का विरेाध करते हुए अदालत को बताया कि सिधाना गैरकानूनी रूप से एकत्र हुई भीड़ का हिस्सा था, जिसने कुछ पुलिस अधिकारियों को जान से मारने की कोशिश की थी और भीड़ को अवरोधकों को तोड़ने के लिए उकसाया था।
उन्होंने कहा कि सिधाना हत्या और हत्या की कोशिश सहित 20 जघन्य मामलों में भी संलिप्त है।
वहीं, अधिवक्ता जसप्रीत सिंह और जसदीप सिंह ढिल्लन के साथ सिधाना का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल का नाम प्राथमिकी में नहीं है और पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
वकील ने कहा कि सिधाना ने यह दलील देते हुए अदालत का रुख किया था कि उसे गिरफ्तार किया जा सकता है क्योंकि उसके चचेरे भाई गुरदीप सिंह को दिल्ली पुलिस ने अगवा कर लिया था और प्रताड़ित किया था तथा सादे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Rangbhari Ekadashi 2024: रंगभरी एकादशी के दिन करें ये उपाय, पति-पत्नी के प्रेम में नहीं आएगी कोई आंच
Vastu Tips: घर की इस दिशा में रखेंगे हनुमान जी की मूर्ति तो होगी दोगुनी रात चौगुनी तरक्की
राज खुलने के डर से भतीजी ने अपने दो प्रेमियों संग कराई चाचा की हत्या, पाप छुपाने के लिए रिश्ते का कराया खून
हर की पौड़ी से युवक का शव बरामद, परिजनों ने दोस्त पर लगाए गंभीर आरोप