नीति आयोग ने राष्ट्रीय नगर एवं ग्राम योजनाकार परिषद गठित करने का सुझाव दिया
punjabkesari.in Friday, Sep 17, 2021 - 10:37 AM (IST)
नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) देश में शहरों के लिए योजना बनाने वाले योजनाकारों (टाउन प्लानर) की भारी कमी को रेखांकित करते हुए नीति आयोग ने भारत सरकार को विधिक निकाय के रूप में ‘‘राष्ट्रीय नगर एवं ग्राम योजनाकार परिषद (नेशनल काउंसिल आफ टाउन एंड कंट्री प्लानर) गठित करने का सुझाव दिया है।
‘‘भारत में शहरी योजना क्षमता में सुधार’’ विषय पर नीति आयोग द्वारा तैयार रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यह रिपोर्ट बृहस्पतिवार को जारी की गई ।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने ‘‘भाषा’ से कहा, ‘‘हमारे देश में शहरी योजनाकारों की काफी कमी है और हमें क्षमता बढ़ाने की जरूरत है ।’’
रिपोर्ट के अनुसार, नीति आयोग के लिए नगर एवं ग्राम नियोजन संगठन (टीसीपीओ) और राष्ट्रीय शहारी कार्य संस्थान (एनआईयूए) के अध्ययन में यह संकेत मिला है कि राज्य नगर एवं ग्राम नियोजन विभागों में शहरी योजनाकारों के 12 हजार से अधिक पदों की जरूरत है ।
इसमें कहा गया है कि इसके विपरीत इन विभागों में शहरी योजनाकारों के 4000 स्वीकृत पद हैं जिनमें से आधे रिक्त हैं । कई राज्यों में शहरी योजनाकारों के ऐसे पदों के लिये आवश्यक पात्रता भी तय नहीं है।
नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी योजनाकारों की पेशवर संस्थान भारत नगर नियोजन संस्थान (आईटीपीआई) में केवल 7000 पंजीकृत सदस्य हैं हालांकि यह विधिक निकाय नहीं है और इसकी सदस्यता स्वैच्छिक है।
रिपोर्ट के अनुसार, नीति आयोग ने कहा है कि इस पेशे को अधिक ढांचागत स्वरूप प्रदान करने, कौशल मानचित्र तथा कार्यबल का डाटा तैयार करने की जरूरत है ताकि मांग एवं आपूर्ति की खाई को पाटा जा सके ।
आयोग ने सुझाव दिया है कि, ‘‘भारत सरकार के विधिक निकाय के रूप में ‘‘राष्ट्रीय नगर एवं ग्राम योजनाकार परिषद (नेशनल काउंसिल आफ टाउन एंड कंट्री प्लानर) का गठन किया जाना चाहिए । ’’
नीति आयोग ने सुझाव दिया कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत नगर एवं ग्राम योजनाकारों का राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया जाना चाहिए ।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2022 तक समयबद्ध तरीके से नियोजन (प्लानिंग) में डिग्री एवं पीएचडी कार्यक्रम संचालित करने वाले शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक संकाय की कमी को दूर किया जाना चाहिए ।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
‘‘भारत में शहरी योजना क्षमता में सुधार’’ विषय पर नीति आयोग द्वारा तैयार रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यह रिपोर्ट बृहस्पतिवार को जारी की गई ।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने ‘‘भाषा’ से कहा, ‘‘हमारे देश में शहरी योजनाकारों की काफी कमी है और हमें क्षमता बढ़ाने की जरूरत है ।’’
रिपोर्ट के अनुसार, नीति आयोग के लिए नगर एवं ग्राम नियोजन संगठन (टीसीपीओ) और राष्ट्रीय शहारी कार्य संस्थान (एनआईयूए) के अध्ययन में यह संकेत मिला है कि राज्य नगर एवं ग्राम नियोजन विभागों में शहरी योजनाकारों के 12 हजार से अधिक पदों की जरूरत है ।
इसमें कहा गया है कि इसके विपरीत इन विभागों में शहरी योजनाकारों के 4000 स्वीकृत पद हैं जिनमें से आधे रिक्त हैं । कई राज्यों में शहरी योजनाकारों के ऐसे पदों के लिये आवश्यक पात्रता भी तय नहीं है।
नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी योजनाकारों की पेशवर संस्थान भारत नगर नियोजन संस्थान (आईटीपीआई) में केवल 7000 पंजीकृत सदस्य हैं हालांकि यह विधिक निकाय नहीं है और इसकी सदस्यता स्वैच्छिक है।
रिपोर्ट के अनुसार, नीति आयोग ने कहा है कि इस पेशे को अधिक ढांचागत स्वरूप प्रदान करने, कौशल मानचित्र तथा कार्यबल का डाटा तैयार करने की जरूरत है ताकि मांग एवं आपूर्ति की खाई को पाटा जा सके ।
आयोग ने सुझाव दिया है कि, ‘‘भारत सरकार के विधिक निकाय के रूप में ‘‘राष्ट्रीय नगर एवं ग्राम योजनाकार परिषद (नेशनल काउंसिल आफ टाउन एंड कंट्री प्लानर) का गठन किया जाना चाहिए । ’’
नीति आयोग ने सुझाव दिया कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत नगर एवं ग्राम योजनाकारों का राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया जाना चाहिए ।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2022 तक समयबद्ध तरीके से नियोजन (प्लानिंग) में डिग्री एवं पीएचडी कार्यक्रम संचालित करने वाले शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक संकाय की कमी को दूर किया जाना चाहिए ।
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