विशेष सीबीआई अदालत ने कोयला घोटाला मामले में पांच को दोषी करार दिया
punjabkesari.in Tuesday, Sep 14, 2021 - 10:11 PM (IST)
नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) विशेष सीबीआई अदालत ने मंगलवार को कोयला घोटाला मामले में पांच लोगों को दोषी ठहराया। यह मामला 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल के दौरान झारखंड में लालगढ़ (उत्तरी) कोयला ब्लॉक के आबंटन से जुड़ा है।
विशेष न्यायाधीश ने रांची स्थित डोमको प्राइवेट लि. के तत्कालीन प्रबंध निदेशक विनय प्रकाश, तत्कालीन निदेशक वसंत दिवाकर मांजरेकर और परमानंद मंडल, चार्टर्ड एकाउंटेंट संजय खंडेलवाल तथा कंपनी डोमको प्राइवेट लि. को दोषी करार दिया।
अदालत बुधवार को सजा पर दलीलों को सुनेगी।
सीबीआई प्रवक्ता के अनुसार, ‘‘ केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से 1993 से 2005 के दौरान कोयला ब्लॉक आबंटन मामले में मिले निर्देश के आधार पर सीबीआई ने प्रकरण की प्रारंभिक जांच की थी। उसी जांच के आधार पर मामला दर्ज किया गया।’’
जांच में पाया गया कि 19वीं निगरानी समिति ने लालगढ़ (उत्तर) कोयला ब्लॉक को कंपनी के पक्ष में चिन्हित किया था। इस बारे में कंपनी को 24 नवंबर, 2003 को सूचना दी गयी।
सीबीआई का आरोप है कि डोमको प्राइवेट लि. के प्रवर्तक निदेशक प्रकाश ने अज्ञात लोगों के साथ साठगांठ किया और ब्लॉक के आबंटन को लेकर गलत सूचना दी।
प्रकाश पर आरोप है कि उसने कोयला ब्लॉक आबंटन के बाद कंपनी के शेयर ऊंचे भाव पर बेचकर 7 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।
मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र 22 दिसंबर, 2015 को दाखिल किये गये।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
विशेष न्यायाधीश ने रांची स्थित डोमको प्राइवेट लि. के तत्कालीन प्रबंध निदेशक विनय प्रकाश, तत्कालीन निदेशक वसंत दिवाकर मांजरेकर और परमानंद मंडल, चार्टर्ड एकाउंटेंट संजय खंडेलवाल तथा कंपनी डोमको प्राइवेट लि. को दोषी करार दिया।
अदालत बुधवार को सजा पर दलीलों को सुनेगी।
सीबीआई प्रवक्ता के अनुसार, ‘‘ केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से 1993 से 2005 के दौरान कोयला ब्लॉक आबंटन मामले में मिले निर्देश के आधार पर सीबीआई ने प्रकरण की प्रारंभिक जांच की थी। उसी जांच के आधार पर मामला दर्ज किया गया।’’
जांच में पाया गया कि 19वीं निगरानी समिति ने लालगढ़ (उत्तर) कोयला ब्लॉक को कंपनी के पक्ष में चिन्हित किया था। इस बारे में कंपनी को 24 नवंबर, 2003 को सूचना दी गयी।
सीबीआई का आरोप है कि डोमको प्राइवेट लि. के प्रवर्तक निदेशक प्रकाश ने अज्ञात लोगों के साथ साठगांठ किया और ब्लॉक के आबंटन को लेकर गलत सूचना दी।
प्रकाश पर आरोप है कि उसने कोयला ब्लॉक आबंटन के बाद कंपनी के शेयर ऊंचे भाव पर बेचकर 7 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।
मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र 22 दिसंबर, 2015 को दाखिल किये गये।
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