उपराष्ट्रपति ने सरकारी भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की वकालत की
punjabkesari.in Sunday, Sep 12, 2021 - 03:16 PM (IST)
पुडुचेरी, 12 सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को केंद्र तथा राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन से सरकारी भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा उपकरण लगाने का आह्वान किया और कहा कि इस तकनीक को अपनाना अनिवार्य भी किया जा सकता है।
नायडू ने यहां जवाहरलाल परास्नातक मेडिकल कॉलेज एवं अनुसंधान संस्थान में 7.67 करोड़ रुपये की लागत से बने 1.5 मेगावाट के ‘रूफटॉप’ सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘प्रत्येक केंद्रीय, राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश की सरकारी इमारतों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र होना चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को भी रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने चाहिए।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘रूफटॉप’ सौर ऊर्जा संयंत्र लगाना अनिवार्य भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘भवनों और परिसरों में सूर्य का प्रकाश तथा प्राकृतिक हवा भी होनी चाहिए। प्राचीन वास्तुकला में ऐसी चीजें होती थीं। अब हम छोटी जगहों पर रहते हैं, इसलिए रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र को अपनाना चाहिए। भवन निर्माण के कानूनों में ऐसा परिवर्तन किया जा सकता है ताकि रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र और बारिश के पानी को सजेहने की प्रणाली लगाने को अनिवार्य किया जा सके।’’
उन्होंने जवाहरलाल परास्नातक मेडिकल कॉलेज एवं अनुसंधान संस्थान की संबंधित पहल की सराहना भी की।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
नायडू ने यहां जवाहरलाल परास्नातक मेडिकल कॉलेज एवं अनुसंधान संस्थान में 7.67 करोड़ रुपये की लागत से बने 1.5 मेगावाट के ‘रूफटॉप’ सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘प्रत्येक केंद्रीय, राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश की सरकारी इमारतों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र होना चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को भी रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने चाहिए।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘रूफटॉप’ सौर ऊर्जा संयंत्र लगाना अनिवार्य भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘भवनों और परिसरों में सूर्य का प्रकाश तथा प्राकृतिक हवा भी होनी चाहिए। प्राचीन वास्तुकला में ऐसी चीजें होती थीं। अब हम छोटी जगहों पर रहते हैं, इसलिए रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र को अपनाना चाहिए। भवन निर्माण के कानूनों में ऐसा परिवर्तन किया जा सकता है ताकि रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र और बारिश के पानी को सजेहने की प्रणाली लगाने को अनिवार्य किया जा सके।’’
उन्होंने जवाहरलाल परास्नातक मेडिकल कॉलेज एवं अनुसंधान संस्थान की संबंधित पहल की सराहना भी की।
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