खनन के माध्यम से राजस्व को बढ़ाना चाहते हैं तो बोली की पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करें: न्यायालय
punjabkesari.in Wednesday, Sep 08, 2021 - 12:25 AM (IST)
नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को गोवा सरकार से कहा कि यदि वह अपने राजस्व को बढ़ाना चाहती है तो वह बड़ी खनन कंपनियों के पट्टों के नवीनीकरण का समर्थन करने के बजाय पारदर्शी और खुली बोली प्रक्रिया का पालन करे।
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने 2019 के बम्बई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ वेदांत लिमिटेड की एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने यह घोषित करने से इनकार कर दिया था कि कानून के प्रावधानों के अनुसार उसका पट्टा 2037 तक वैध था।
पीठ ने गोवा सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, “गोवा फाउंडेशन के मामलों में इस अदालत के विस्तृत निर्णय हैं। गोवा इस अदालत द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं कर रहा है। यह धारणा बन रही है कि गोवा खनन पट्टों को नवीनीकृत करने के लिए इन बड़े कॉरपोरेट्स का समर्थन कर रहा है। गोवा को पारदर्शी खुली बोली प्रक्रिया का पालन करना चाहिए, अगर वह अपने राजस्व को बढ़ाना चाहता है।"
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने 2019 के बम्बई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ वेदांत लिमिटेड की एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने यह घोषित करने से इनकार कर दिया था कि कानून के प्रावधानों के अनुसार उसका पट्टा 2037 तक वैध था।
पीठ ने गोवा सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, “गोवा फाउंडेशन के मामलों में इस अदालत के विस्तृत निर्णय हैं। गोवा इस अदालत द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं कर रहा है। यह धारणा बन रही है कि गोवा खनन पट्टों को नवीनीकृत करने के लिए इन बड़े कॉरपोरेट्स का समर्थन कर रहा है। गोवा को पारदर्शी खुली बोली प्रक्रिया का पालन करना चाहिए, अगर वह अपने राजस्व को बढ़ाना चाहता है।"
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