पेंशनभोगियों की पेंशन को आयकर मुक्त करने की मांग, प्रधानमंत्री को पत्र लिखा
Sunday, Aug 29, 2021 - 03:42 PM (IST)
नयी दिल्ली, 29 अगस्त (भाषा) पेंशनभोगियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश के वरिष्ठ नागरिकों को राहत के लिए पेंशन को आयकर से मुक्त करने की मांग की है। पेंशनभोगियों के निकाय भारतीय पेंशनभोगी मंच ने इस बारे में 25 अगस्त को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
पत्र में दलील दी गयी है कि जब सांसदों और विधायकों की पेंशन पर कर नहीं लगता है, तो सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन पर आयकर क्यों लेती है।
पत्र में कहा गया है कि प्रत्येक सेवानिवृत्त व्यक्ति को पेंशन का भुगतान बरसों तक देश की सेवा के लिए किया जाता है।
मंच ने कहा, ‘‘अब सवाल उठता है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर आयकर क्यों लगता है। यह किसी सेवा या कार्य से मिलने वाली आय नहीं है। यदि सांसद और विधायकों की पेंशन करमुक्त है, तो हमारी पेंशन पर कर क्यों लिया जाता है।’’
पेंशनभोगी मंच ने 23 जुलाई, 2018 को महाराष्ट्र के शिरडी में अपने पहले अखिल भारतीय सम्मेलन में यह प्रस्ताव दिया था कि पेंशन को आयकर से छूट मिलनी चाहिए। उसके बाद से संगठन द्वारा लगातार यह मुद्दा वित्त मंत्री के साथ भी उठाया गया।
पत्र में प्रधानमंत्री से इस मुद्दे को लेकर हस्तक्षेप की अपील की गई है। मंच ने कहा कि उसने इस मुद्दे पर वित्त मंत्री को 23 अगस्त, 2018, 14 दिसंबर, 2018 और 25 फरवरी, 2021 को पत्र लिखा था। मंच ने कहा कि इस मुद्दे पर अभी तक कुछ नहीं किया गया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पत्र में दलील दी गयी है कि जब सांसदों और विधायकों की पेंशन पर कर नहीं लगता है, तो सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन पर आयकर क्यों लेती है।
पत्र में कहा गया है कि प्रत्येक सेवानिवृत्त व्यक्ति को पेंशन का भुगतान बरसों तक देश की सेवा के लिए किया जाता है।
मंच ने कहा, ‘‘अब सवाल उठता है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर आयकर क्यों लगता है। यह किसी सेवा या कार्य से मिलने वाली आय नहीं है। यदि सांसद और विधायकों की पेंशन करमुक्त है, तो हमारी पेंशन पर कर क्यों लिया जाता है।’’
पेंशनभोगी मंच ने 23 जुलाई, 2018 को महाराष्ट्र के शिरडी में अपने पहले अखिल भारतीय सम्मेलन में यह प्रस्ताव दिया था कि पेंशन को आयकर से छूट मिलनी चाहिए। उसके बाद से संगठन द्वारा लगातार यह मुद्दा वित्त मंत्री के साथ भी उठाया गया।
पत्र में प्रधानमंत्री से इस मुद्दे को लेकर हस्तक्षेप की अपील की गई है। मंच ने कहा कि उसने इस मुद्दे पर वित्त मंत्री को 23 अगस्त, 2018, 14 दिसंबर, 2018 और 25 फरवरी, 2021 को पत्र लिखा था। मंच ने कहा कि इस मुद्दे पर अभी तक कुछ नहीं किया गया है।
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