कोरोना महामारी की दूसरी लहर से निपटने में डीआरडीओ की भूमिका अहम रही
punjabkesari.in Monday, Aug 02, 2021 - 07:03 PM (IST)
नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देश के विभिन्न अस्पतालों में 7,000 से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था की और डेढ़ लाख से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराए।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सोमवार को यह भी बताया कि डीआरडीओ ने यह ऑक्सीजन सिलेंडर प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स) के माध्यम से मुहैया कराए। उन्होंने बताया कि पीएम केयर्स के माध्यम से डीआरडीओ ने विभिन्न अस्पतालों के लिए 866 ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की या इनकी शुरूआत की ताकि देश के लगभग हर जिले में एक संयंत्र की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से निपटने में डीआरडीओ के प्रयासों के बारे में पूछे गए प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि डीआरडीओ ने इस महामारी के इलाज के लिए 2-डीजी नामक दवा भी तैयार की। इसके अलावा उसकी ओर से देश के विभिन्न स्थानों पर अस्थायी अस्पताल की व्यवस्था भी की गई। मंत्री ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ का उदाहरण दिया जहां संस्थान ने एक एक अस्थायी अस्पताल स्थापित किए।
भट्ट ने बताया कि जब देश में सैनिटाइजर, मास्क और पीपीई किट की कमी थी तब डीआरडीओ ने ये उत्पाद तैयार भी किए, वह भी तब जब देश में इनकी प्रौद्योगिकी नहीं थी। डीआरडीओ ने एन95 तथा एन99 के डिजाइन भी तैयार किए।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सोमवार को यह भी बताया कि डीआरडीओ ने यह ऑक्सीजन सिलेंडर प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स) के माध्यम से मुहैया कराए। उन्होंने बताया कि पीएम केयर्स के माध्यम से डीआरडीओ ने विभिन्न अस्पतालों के लिए 866 ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की या इनकी शुरूआत की ताकि देश के लगभग हर जिले में एक संयंत्र की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से निपटने में डीआरडीओ के प्रयासों के बारे में पूछे गए प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि डीआरडीओ ने इस महामारी के इलाज के लिए 2-डीजी नामक दवा भी तैयार की। इसके अलावा उसकी ओर से देश के विभिन्न स्थानों पर अस्थायी अस्पताल की व्यवस्था भी की गई। मंत्री ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ का उदाहरण दिया जहां संस्थान ने एक एक अस्थायी अस्पताल स्थापित किए।
भट्ट ने बताया कि जब देश में सैनिटाइजर, मास्क और पीपीई किट की कमी थी तब डीआरडीओ ने ये उत्पाद तैयार भी किए, वह भी तब जब देश में इनकी प्रौद्योगिकी नहीं थी। डीआरडीओ ने एन95 तथा एन99 के डिजाइन भी तैयार किए।
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