दसवीं के प्राइवेट परीक्षार्थियों की मूल्यांकन पद्धति वाली याचिका पर अदालत ने सीबीएसई से जवाब मांगा
punjabkesari.in Sunday, Aug 01, 2021 - 01:52 PM (IST)
नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दसवीं कक्षा के प्राइवेट परीक्षार्थियों के मूल्यांकन की पद्धति से संबंधित याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कुछ और समय देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया।
उल्लेखनीय है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण इस वर्ष परीक्षाएं रद्द हो गई हैं।
दसवीं के एक प्राइवेट परीक्षार्थी की मां पायल बहल की याचिका पर सुनवाई के वक्त न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने यह आदेश पारित किया। दरसअल सीबीएसई की ओर से पेश वकील ने अदालत से कुछ वक्त देने का अनुरोध किया था। न्यायाधीश ने मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 23 अगस्त तय की और कहा, ‘‘सीबीएसई के अधिवक्ता रूपेश कुमार ने 10वीं कक्षा के प्राइवेट परीक्षार्थियों के मूल्यांकन की पद्धति के बारे में निर्देश लेने के लिए दस दिन का और वक्त मांगा है।’’
इस याचिका पर सीबीएसई को जून में नोटिस जारी किया गया था और अदालत ने जवाब देने के लिए छह हफ्ते का वक्त दिया था।
पायल बहल ने याचिका में कहा कि परीक्षा रद्द करने की घोषणा के बाद छात्रों को ‘‘पास’’ घोषित तो किया गया लेकिन सीबीएसई ने प्राइवेट परीक्षार्थियों को अंक देने से संबंधित अपनी नीति के बारे में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है।
इसमें कहा गया कि सीबीएसई ने दसवीं के नियमित छात्रों के मूल्यांकन के बारे में पहले ही अधिसूचित कर दिया है कि यह आंतरिक आकलन पर आधारित होगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उल्लेखनीय है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण इस वर्ष परीक्षाएं रद्द हो गई हैं।
दसवीं के एक प्राइवेट परीक्षार्थी की मां पायल बहल की याचिका पर सुनवाई के वक्त न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने यह आदेश पारित किया। दरसअल सीबीएसई की ओर से पेश वकील ने अदालत से कुछ वक्त देने का अनुरोध किया था। न्यायाधीश ने मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 23 अगस्त तय की और कहा, ‘‘सीबीएसई के अधिवक्ता रूपेश कुमार ने 10वीं कक्षा के प्राइवेट परीक्षार्थियों के मूल्यांकन की पद्धति के बारे में निर्देश लेने के लिए दस दिन का और वक्त मांगा है।’’
इस याचिका पर सीबीएसई को जून में नोटिस जारी किया गया था और अदालत ने जवाब देने के लिए छह हफ्ते का वक्त दिया था।
पायल बहल ने याचिका में कहा कि परीक्षा रद्द करने की घोषणा के बाद छात्रों को ‘‘पास’’ घोषित तो किया गया लेकिन सीबीएसई ने प्राइवेट परीक्षार्थियों को अंक देने से संबंधित अपनी नीति के बारे में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है।
इसमें कहा गया कि सीबीएसई ने दसवीं के नियमित छात्रों के मूल्यांकन के बारे में पहले ही अधिसूचित कर दिया है कि यह आंतरिक आकलन पर आधारित होगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Rang Panchami : रंग पंचमी पर कर लें यह उपाय, मां लक्ष्मी का घर में होगा वास
Rang Panchami: रंगपंचमी पर धरती पर आएंगे देवी-देवता, इस विधि से करें उन्हें प्रसन्न
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी
पति ने खेला खूनी खेल, सोए अवस्था में पत्नी और तीन मासूम बच्चियों की धारदार हथियार से की हत्या