एनजीओ का दावा कि सरकार ने आईटी कानून संबंधी अदालती आदेश को ढंग से लागू नहीं किया

punjabkesari.in Sunday, Aug 01, 2021 - 12:07 AM (IST)

नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) एक गैर-सरकारी संगठन ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून की धारा 66ए को रद्द किये जाने के संबंध में वर्ष 2015 में दिये गये अदालत के एक महत्वपूर्ण आदेश को प्रभावी रूप से लागू करने में केंद्र द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं। उसने साथ ही कहा कि अभी तक सोशल मीडिया पर साझा की गयी आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर इस प्रावधान के तहत लोगों की गिरफ्तारी की जा रही है।

गत पांच जुलाई को न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़’ (पीयूसीएल) की ओर से दायर आवेदन पर केंद्र को नोटिस जारी किया था।

पीठ ने पीयूसीएल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारीख से कहा था, “क्या आपको नहीं लगता कि यह आश्चर्यजनक और चौंकाने वाला है? श्रेया सिंघल फैसला 2015 का है। यह वाकई चौंकाने वाला है। जो हो रहा है, वह भयानक है।”
कानून की उस धारा के तहत अपमानजक संदेश पोस्ट करने पर तीन साल तक की कैद और जुर्माना का प्रावधान था।

एनजीओ ने अदालत में दाखिल अपने प्रत्युत्तर हलफनामे में कहा, '''' श्रेया सिंघल बनाम भारत संघ मामले में इस अदालत के फैसले के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं।''''


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PTI News Agency

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